Edit by suraj varta news
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में हुआ . उनका असली नाम अजय सिंह है गढ़वाल विश्विद्यालय से उन्होंने गणित में स्नातक किया. 1994 में 22 साल की उम्र में अजय सिंह बिष्ट अपने परिवार को बिना बताए सन्यासी बन गए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 50वां जन्मदिन है. आज से करीब 50 साल कोई इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि पौड़ी गढ़वाल के एक सुदूर पहाड़ी गांव में जन्मे अजय सिंह बिष्ट भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य- उत्तर प्रदेश का लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. योगी आदित्यनाथ खुद इस बात को स्वीकारते हैं कि उन्हें भी ये नहीं मालूम था कि उनको मुख्यमंत्री बनना है.
शुरूआती सफर से हिंदू वाहिनी के संस्थापक तक का सफर
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में हुआ . उनका असली नाम अजय सिंह है गढ़वाल विश्विद्यालय से उन्होंने गणित में स्नातक किया. 1994 में 22 साल की उम्र में अजय सिंह बिष्ट अपने परिवार को बिना बताए सन्यासी बन गए. उन्होंने भगवा कपड़े धारण कर लिए, अपने बाल मुंडवाए और बड़ी बाली पहनने के लिए अपने कान छिदवाए.अजय सिंह बिष्ट अब नाथ संप्रदाय के योगी आदित्यनाथ बन गए थे. यह नाम गुरु गोरखनाथ पर रखा गया था.
योगी गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत रहे. आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी भी हैं. उनकी पहचान हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक के तौर पर भी है . हिंदू वाहिनी हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह माना जाता है.
गोरखपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व से बनी अलग पहचान
1988 से योगी आदित्यनाथ गोरखपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. यूपी भाजपा के बड़े चेहरे के रूप में उनकी पहचान रही है. 2014 में योगी पांचवी बार सांसद चुने गये थे. गुरु अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लेकर योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. इसी समय से से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत कर दी. 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ पहली बार संसद पहुंचे. यहां उन्होने एक रिकार्ड बनाया उस वक्त वह सबसे कम उम्र के सांसद थे. योगी की उम्र उस वक्त 26 साल थी .
2022 के राज्य विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ के सामने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और उसके साथ सत्ता-विरोधी लहर के रूप में 2 चुनौती थी. सारी चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने दूसरे कार्यकाल की ऐतिहासिक जीत दर्ज की पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता में आने वाले यूपी के एकमात्र सीएम बन गए.
सीएम पद पर दोबारा चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ को पीएम मोदी के उत्तराधिकारी बनने के दावे के रूप में देखा जा रहा है.