प्रधानों में गांव के विकास करने का जुनून होना चाहिए
मेजा, प्रयागराज।(विमल पांडेय)
पाठा क्षेत्र के तालाबों की खुदाई मनरेगा मजदूरों के साथ-साथ जेसीबी का भी सहयोग लेना होगा। बिना जेसीबी मशीन के इस क्षेत्र के तालाबों की खुदाई संभव नहीं है। उक्त बातें प्रमुख प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्र ने अमृत सरोवर को लेकर कही।उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ योगी सरकार अमृत सरोवर तालाब को लेकर हर गांव में 3 तालाब को चिन्हित कर रही है कि जल का संरक्षण कैसे हो। वही ब्लॉक प्रमुख मेजा प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्रा ने कहां की दक्षिणांचल में काली मिट्टी पाई जाती है और वहां की मिट्टी बहुत ही कड़ी होती है दक्षिणांचल में अमृत सरोवर तालाब मशीन और मजदूर के बिना नहीं हो सकता और अमृत सरोवर तालाब की ऊंचाई 20 से 25 फिट होती है जो कि मजदूर द्वारा इतने ऊपर आसानी से काम नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान मनरेगा के माध्यम से तालाब की खुदाई कराते हैं लेकिन जैसे ही बरसात आती है वह तालाब जितना खुदा रहता है वह फिर से पट जाता है और सरकार का पैसा बेकार हो जाता है।सही मायने में धन का उपयोग नहीं हो पाता। केवल सरकार का पैसा कागजों में जुड़ जाएगा और काम नहीं होता दिखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम प्रधान गांव का विकास इसलिए नहीं करा पा रहे हैं कि मनरेगा से पेमेंट स्टेटस बहुत स्लो है। पैसा कब आएगा यह पता नहीं है। योगी सरकार के अनुसार जल संरक्षण करना है जिससे कि पानी का स्टेटस बरकरार रहे और पानी भरे रहने से किसानों को सिंचाई में मदद मिलेगी। सरकार की यह योजना बेहतर है, लेकिन यहां की भूमि काफी कठोर है, ऐसे में मजदूरों के माध्यम से तालाब की खुदाई नहीं हो सकती। तालाब की खुदाई के लिए मजदूरों के साथ-साथ मशीन का होना ठीक रहेगा। बगैर मशीन की खुदाई संभव नहीं है। इस तरह से मजदूरों का हक भी बना रहेगा और सरकारी धन का उपयोग भी सही ढंग से हो सकेगा। प्रमुख प्रतिनिधि गंगाराम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के मुखिया गांव को तरह-तरह की योजनाओं से लाभान्वित कर रहे हैं, जिससे गांव खुशहाल की ओर बढ़ रहा है।श्री मिश्र ने कहा कि जनता द्वारा चुना गया गांव का प्रधान ग्राम विकास का अगुआकार होता है।उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम प्रधानों में गांव में विकास करने का जुनून होना चाहिए।
प्रमुख प्रतिनिधि श्री मिश्र बताया कि ग्राम प्रधानों की बैठक में इसी तरह की बातों पर फोकस किया जाता है, जिससे सरकारी धन का सदुपयोग कर ग्रामीण जनजीवन को सुधारा जा सके। उन्होंने कहा कि जन कल्याणकारी योजनाएं पात्र व्यक्तियों का अधिकार है। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े ऐसे व्यक्तियों की दशा बदल कर अच्छे दिशा की ओर लाया जाता है, जिससे इनका सामाजिक स्तर बना रहे और राष्ट्रहित में योगदान के लिए मजबूत रहें।