प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज मे दो दशक मे पांच बड़ी घटनाओं ने लोगों को दहला दिया है। संगम नगरी में कुछ उपद्रवी समय-समय पर खलल भी डालते रहे हैं। जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को शहर के अटाला में हुए बवाल के बाद लोगों के बीच पुरानी घटनाएं ताजा हो गईं हैं। वर्ष 2011 में मोहर्रम के जुलूस में उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ व आगजनी की थी, पुलिस पर पथराव हुआ था। 2008-09 में काला डांडा कब्रिस्तान में धर्मग्रंथ के फटे हुए पेज मिलने पर खुल्दाबाद क्षेत्र में जमकर बवाल हुआ था। वर्ष 2001 में निकाले गए जुलूस के दौरान चौक इलाके में बवाल कई पुलिस चौकी में तोड़फाेड़ व आगजनी हुई थी। मदरसा कांड और राजूपाल हत्याकांड के बाद भी शहर जल उठा था। वर्ष 2011 में मोहर्रम पर जुलूस निकाला जा रहा था। जुलूस जानसेनगंज चौराहे से घंटाघर की तरफ बढ़ा कि बवाल शुरू हो गया। लाठी-डंडा, हाकी, राड से लैस युवकों ने दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी थी। आगजनी भी हुई थी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो पथराव कर दिया गया था। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने अघोषित कर्फ्यू लगा दिया था। मामला ठंडा होने में तीन दिन लग गए थे। बवाल की कोई वजह सामने नहीं आई थी। पुलिस को बाद में पता चला था कि जुलूस में शामिल कुछ उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। 2008-09 में काला डांडा कब्रिस्तान में धर्मग्रंथ के फटे हुए पेज मिलने पर खुल्दाबाद क्षेत्र में जमकर बवाल हुआ था। करेली, अटाला तक मामला गया था। तोड़फोड़ और आगजनी तक हुई थी। पुलिस पर पथराव किया गया था। उस समय भी इन क्षेत्रों में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके पहले वर्ष 2001 में निकाले गए जुलूस के दौरान चौक इलाके में बवाल हो गया था। कोतवाली के साथ ही घंटाघर, जानसेनगंज और सूरजकुंड पुलिस चौकी में तोड़फाेड़ की गई थी। एसपी सिटी के कार्यालय में आगजनी तक हुई थी। मामला तनावपूर्ण हो गया था। हालात पर काबू पाने के लिए उस समय भी अघोषित कर्फ्यू लगाना पड़ा था। जनवरी 2007 में मदरसा कांड के बाद जमकर बवाल हुआ था। तोड़फोड़, आगजनी, रास्ताजाम, पथराव हुआ था। बवाल की यह आंच प्रदेश सरकार तक को लगी थी। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को मामले को संभालने में कई दिन लग गए थे। इसके दो वर्ष पहले जनवरी 2005 में बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत कई पर लगा था। मामले में धूमनगंज समेत कई जगह पर बवाल हुआ था। पुलिस चौकी को जला दिया गया था। पुलिस पर पथराव हुआ था। इस घटना ने भी प्रदेश सरकार के साथ ही शहरियों को हिलाकर रख दिया था।