प्रयागराज (राजेश सिंह)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के सख्त निर्देश हैैं कि नदी के बालू को निकालने में पोकलैैंड, जेसीबी और पनचक्की का प्रयोग कत्तई नहीं किया जाएगा। नदी में मशीनीकरण के उपयोग से पर्यावरण व ध्वनि प्रदूषण बढऩे के साथ ही नदी का जल भी प्रदूषित होता है। इसके विपरीत यहां पट्टाधारकों ने भी बालू खनन में पोकलैैंड, जेसीबी को नदियों में उतार दिया है। दिन-रात इन पोकलैैंड और जेसीबी से बालू खनन हो रहा है और इससे ही लोडिंग की जा रही है। यमुना नदी में महेवा से लेकर प्रतापपुर तक बसवार, बीकर, पड़ुआ, मानपुर, मड़कैनी, मोहब्बतगंज, जगदीशपुर, इरादतगंज, पालपुर में बालू का अवैध खनन हो रहा है। मड़ौका, नौड़िहा व कचरा मिश्रपुर नगरहा घाटों का खनन विभाग से पट्टा हुआ है। मानपुर में चार पोकलैैंड और दो जेसीबी से बालू का अवैध खनन हो रहा है। इसी तरह पालपुर और बसवार में आधा दर्जन से ज्यादा मशीनें लगाई गई हैैं। मोहब्बतगंज, जगदीशपुर, मड़कैनी में भी पोकलैैंड और जेसीबी लगाई गई है। मानपुर और कचरा में तो मशीनें पानी से बालू अवैध तरीके से निकाल रही हैैं। मानपुर के सामने कौशांबी जिले के असरावे खुर्द व असरावे कला में नाव से बीच नदी से बालू का अवैध खनन हो रहा है। कौशांबी के नंदा का पूरा समेत कई घाटों पर इस तरह से एनजीटी के नियमों के विपरीत बालू का अवैध खनन हो रहा है। बालू के अवैध खनन के बाद उसके परिवहन के लिए सात से ज्यादा ट्रक, हाईवा और टैक्टर लगाए गए हैैं। प्रयागराज और कौशांबी में बालू खनन में मशीनीकरण के चलते यमुना का पानी धुएं से प्रदूषित भी हो रहा है। वहीं करछना के ककरम, धरवारा व मेजा के परानीपुर, कोहड़ार घाट, सहित दर्जनों घाटों पर बालू का कारोबार पोकलैंड और जेसीबी से किया जा रहा है। नदी के ठीक किनारे पर काफी संख्या में पोकलैैंड, जेसीबी, ट्रकों और ट्रैक्टरों के चलने से भी प्रदूषण फैल रहा है। इन वाहनों के धुएं से यमुना के जल पर प्रदूषण का सतह बनता जा रहा है। खास बात तो यह है 60 से ज्यादा पोकलैैंड और जेसीबी व अन्य खनन की मशीनें लगीं हैं। सात सौ से ज्यादा ट्रक और हाईवा बालू के अवैध परिवहन में लगे हैं। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री का कहना है कि पोकलैैंड और जेसीबी से यमुना से बालू यदि निकाला जा रहा है तो इस काम में लगे लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा। साथ ही जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच कराई जाएगी।