प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर ने नई तथा पुरानी झूंसी के तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों के साथ ही कछारी गांव के ग्रामीणों की मुसीबत और बढ़ा दी है। शुक्रवार को हर घंटे जलस्तर के बढ़ने का क्रम जारी रहा। इसी बीच नई तथा पुरानी झूंसी के नए आवासीय इलाकों में शुक्रवार की दोपहर बाद बाढ़ का पानी दाखिल हो गया। इससे झूंसी के अन्य हिस्से भी बाढ़ की जद में आ गए हैं। इसके साथ ही कछार के अन्य गांवों में भी बाढ़ का पानी दाखिल हो गया है। इसी बीच बाढ़ प्रभावित एक दर्जन और गांवों की बिजली शुक्रवार की सुबह काट दी गई। इससे प्रभावित गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। प्रशासन की ओर से केरोसिन का वितरण न किए जाने से शाम होते ही इन गांवों में अंधेरा पसर जा रहा है। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति असंतोष व्याप्त है। ऐहतियात के तौर पर प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में डेढ़ सेक्शन पीएसी बल और एसडीआरएफ की टीम को तैनात कर दिया है। बाढ़ प्रभावित नई तथा पुरानी झूंसी के अन्य तटवर्ती आवासीय इलाकों में शुक्रवार की सुबह बाढ़ का पानी दाखिल हो गया। इनमें कई आश्रम और मंदिर भी शामिल हैं। अचानक बाढ़ का पानी दाखिल होने से लोगों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लोगों ने मकान के ऊपरी मंजिल में अपना ठौर बनाया है। उधर, जलस्तर बढ़ने पर कछार के शेरडीह, कटका, तुलापुर, मुंशी का पुरा, पूरे सूरदास, चक फातमा, दुर्जनपुर, मलावां बुजुर्ग, मलावां खुर्द, कसेरुआ खुर्द, कोतारी, फिरोजपुर, गजिया और बहादुरपुर गांव भी बाढ़ की जद में आ गए हैं। इसके साथ ही कछार से सटे बिजली उपकेंद्र हेतापट्टी से शुक्रवार को बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई। इसके चलते बदरा-सोनौटी, ढोलबजवा के साथ ही अब रसूलपुर, शेरडीह, हेतापट्टी समेत एक दर्जन गांवों की बिजली गुल हो गई है। ऐसे में इन गांवों में हाहाकार मचा रहा। प्रभावित गांवों में केरोसिन का वितरण न किए जाने से ग्रामीणों में भारी असंतोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि केरोसिन के अभाव में रात अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है। ऐहतियात के तौर पर बदरा-सोनौटी मार्ग पर प्रशासन की ओर से डेढ़ सेक्शन पीएसी के साथ ही एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है।
श्रृंगवेरपुरधाम में बढ़े गंगा के जलस्तर से डूबीं सारी सीढियां
विगत कई दिनों से बढ़ते हुए गंगा के जलस्तर के कारण शुक्रवार को श्रृंगवेरपुरधाम के रामघाट की सारी सीढियां गंगा में डूब गई। जिससे घाट पर भयभीत तीर्थपुरोहितों ने अपनी चौकियां हटाने में जुट गए।शुक्रवार शाम को श्रृंगवेरपुरधाम में गंगा का जल तेजी से बढ़ा। पर्यटन विभाग द्वारा करोडों की लागत से तैयार किया गया घाट गंगा मे डूब गया है। स्थानीय तीर्थपुरोहितों ने जल्दी जल्दी अपनी चौकियों को पीछे हटाया। बढ़े हुए गंगा के जलस्तर के कारण शुक्रवार को घाट में व्यवस्थाएं नदारद रहीं। जय श्रीराम सेवा समिति के महामंत्री अरुण द्विवेदी ने बताया कि हर वर्ष बरसात में गंगा के जल से श्रृंगवेरपुरधाम की पूरी सीढियां डूब जाती हैं। इसके घाट पर पीपल वृक्ष और शांता शृंगी ऋषि मंदिर भी गंगा में समा जाता है। लोगों की मान्यता है कि मां गंगा शांता मां के ड्योढी तक स्पर्श करने के लिए आती हैं। वही तीर्थपुरोहितों का कहना है कि दो से तीन दिनों में पूरा घाट पानी मे समा जाएगा।