सड़क से 25 फिट की ऊंचाई पर है विद्युत तार
प्रयागराज (राजेश सिंह/श्रीकान्त यादव)। मांडा के कनवेरा गांव मे ताजिया जुलूस ले जाते समय ताजिया मे करंट उतरने से कई लोग झुलस गए। जिसमे अकीदतमंदों की लापरवाही के चलते ताजिया में करंट उतरा और 17 लोग झुलस गए। ताजिया जुलूस का एक वीडियो भी पुलिस के पास पहुंचा है, जिसमें दिख रहा है कि ताजियादार ऊंचाई का अनुमान ठीक से नहीं लगा सके। ताजिया काे आगे लेकर चलने वाले लोग तो तार के बारे में समझ रहे थे, लेकिन पीछे वालों का ध्यान नहीं गया और आगे बढ़ गए। घटना के कर्बला में बिना दफनाए ही ताजिया को वापस लेकर गांव चले गए। रात में डीएम और एसएसपी ने भी मांडा के अस्पताल जाकर झुलसे लोगों का हाल जाना।
अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि दो साल से ताजिया नहीं उठ रहा था। जिस रास्ते से जुलूस निकलता था, वहां पर नई सड़क बन गई और ऊंचाई बढ़ गई है। जमीन से करीब 25 फीट ऊंचाई पर 33 हजार वोल्ट की तार गुजरी है। इस आधार पर माना जा रहा है कि ताजिया की ऊंचाई करीब 20 फीट थी। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस से कहा कि बिजली के तार ढीले थे, लेकिन वह जांच में सही पाए गए। छानबीन के बाद प्रथम दृष्टया यही पाया गया कि अकीदतमंदों ने सूझबूझ के साथ ताजिया जुलूस नहीं निकाला था, क्योंकि ताजिया को वापस उसी तार के नीचे से ले जाया गया, मगर दोबारा करंट नहीं उतरा। मांडा रोड पावर हाउस कनेवरा गांव के पास ही स्थित है। जैसे ही हादसा हुआ उसके कुछ देर बाद पावर हाउस पर मौजूद बिजली कर्मी भाग खड़े हुए। उनको अंदेशा था कि कहीं घटना से आक्रोशित लोग उनके ऊपर हमला न कर दें।
फिलहाल पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत रहा और घंटों बाद बिजली कर्मी पावर हाउस पर लौट आए। जिलाधिकरी ने मौके पर मेजा के तहसीलदार गजराज सिंह के नेतृत्व में राजस्व कर्मियों की एक टीम भेज कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मांडा सीएचसी से चिकित्सा अधिकारी डाक्टर एसपी गौड़ को जीम मेमोरियल अस्पताल भेजा। उन्होंने झुलसे लोगों का उपचार सही ढंग से करने के निर्देश दिए।
डीएम प्रयागराज संजय कुमार खत्री ने कहा कि इस घटना की जांच के निर्देश दे दिए गए हैैं। बिजली का तार जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर है। ताजिया ले जाने में लापरवाही बरती गई है। फिलहाल इलाज की समुचित व्यवस्था करा दी गई है।