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हरतालिका तीज कब है? जानें सही डेट, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

 

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suraj varta.in
आस्था धर्म डेस्क

आज रविवार 21 अगस्त 2022 है।हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यह व्रत कठिन व्रतों में से एक है जिसे निराहार और निर्जला किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए किया था.

हिंदू सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत विशेष महत्व रखता है. प्रत्येक वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है. भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है. हरतालिका तीज व्रत कठिन व्रतों में से एक है जिसे निराहार और निर्जला किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए किया था. हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. जानें इस वर्ष हरितालिका तीज व्रत कब है ?

*हरतालिका तीज तारीख, शुभ मुहूर्त, पारण समय*
हरितालिका तीज मंगलवार, अगस्त 30, 2022 को

तृतीया तिथि प्रारम्भ - अगस्त 29, 2022 को 03:20 बजे शाम

तृतीया तिथि समाप्त - अगस्त 30, 2022 को 03:33 बजे शाम

प्रातः काल हरितालिका पूजा मुहूर्त - 05:58 सुबह से 08:31 सुबह

अवधि - 02 घण्टे 33 मिनट्स

शाम को पूजा का मुहूर्त: शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा.

तीज व्रत पारण - 31 अगस्त

*हरतालिका तीज पूजा सामग्री*
हरतालिका तीज पूजा के लिए सबसे पहले भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी या बालू की मूर्ति, पीला वस्त्र, रोली, केले का पत्ता, सुपारी, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, दूर्वा, कलश, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, दही शहद, जनेऊ और 16 श्रृंगार का सामान सिंदूर, बिंदिया, मेंहदी, कुमकुम.

*हरतालिका तीज पूजा विधि*
हरतालिका तीज पर बालू रेत से भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं.

प्रतिमा बनाने के बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को एक चौकी पर स्थापित कर दें.

इसके बाद उस चौकी पर एक चावलों से अष्टदल कमल बनाएं और उस पर कलश की स्थापना करें.

कलश की स्थापना करने से पहले उसमें जल, अक्षत, सुपारी और सिक्के डालें और उस पर आम के पत्ते रखकर उस पर नारियल भी रखें

इसके बाद चौकी पर पान के पत्ते रखकर उस पर अक्षत रखें. इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान कराएं.

सभी भगवानों को स्नान कराने के बाद उनके आगे घी का दीपक और धूप जलाएं, इसके बाद भगवान गणेश और माता पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं और भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं.

तिलक करने के बाद सभी भगवानों को फूल व माला चढ़ाएं, इसके बाद भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें.

इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा और भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और शमी के पत्ते अर्पित करें.

भगवान शिव को यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद भगवान गणेश और माता पार्वती को पीले चावल अर्पित करें और भगवान शिव को सफेद चावल अर्पित करें.

इसके बाद सभी भगवानों को कलावा अर्पित करें और भगवान गणेश और भगवान शिव को जनेऊ अर्पित करें

जनेऊ अर्पित करने के बाद माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें, इसके बाद बाद सभी भगवानों को फल अर्पित करें.

फल अर्पित करने के बाद हरतालिक तीज की कथा पढ़ें या सुनें.

इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और उन्हें मिष्ठान अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रणाम करें.

नोट: आप अपनी समस्याओं के निदान के लिए-surajvarta के ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद पाण्डेय के मोबाइल नंबर-99361 47150 पर संपर्क कर सकते हैं।
(Note: You can contact the astrologer of surajvarta Pandit Anand Pandey on mobile number-99361 47150 for the solution of your problems.)

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