मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय/श्रीकान्त यादव)। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने प्रयागराज जनपद के यमुनापार को तीन बड़े पावर प्रोजेक्ट की सौगात वर्ष 2006 में दी थी। यह पावर प्रोजेक्ट यमुनापार के बारा, करछना और मेजा में लगाए जाने थे। बारा और मेजा में कुछ वर्ष बाद यह चालू हो गया, लेकिन करछना का पावर प्रोजेक्ट आज तक शुरू नहीं हो सका। सरकार बदलने के बाद यह किसान आंदोलन की भेंट चढ़ गया।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2006 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। सपा के कद्दावर नेता रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्ज्वल रमण सिंह प्रदेश में कैबिनेट मंत्री थे। उज्ज्वल रमण सिंह ने लखनऊ जाकर नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव से कहा था कि यमुनापार में बिजली का बहुत बड़ा संकट है। बुंदेलखंड बगल में है। अगर यमुनापार में पावर प्रोजेक्ट लग जाएगा तो संगम नगरी समेत आसपास के जिलों में भी इसका लाभ मिलेगा।
नेताजी ने प्रदेश के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री उज्ज्वल रमण सिंह से कहा कि कहां पावर प्रोजेक्ट लगना है, इस बारे में जल्दी बताइए। उज्ज्वल रमण पूरी तैयारी के साथ थे, इसलिए उन्होंने यमुनापार के बारा, करछना और मेजा में पावर प्रोजेक्ट लगाने की बात कही। मुलायम सिंह यादव ने तीनों पावर प्रोजेक्ट की मंजूरी दी। जमीन अधिग्रहीत करने के लिए अफसरों की फौज लगा दी। बारा और मेजा में पावर प्रोजेक्ट को लेकर तो कोई विरोध नहीं हुआ, लेकिन करछना के कचरी में किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया।
बाद में उत्तर प्रदेश में सरकार बदल गई और फिर करछना में पावर प्रोजेक्ट आज तक नहीं बन सका। जबकि मेजा और बारा में पावर प्रोजेक्ट शुरू हो गया है और इसका लाभ आज संगम नगरी समेत आसपास के जिलों और बुंदेलखंड के लोगों को भी मिल रहा है।