गोरखपुर (राजेश सिंह)। गोरखपुर जिले के गोरखनाथ इलाके के धर्मशाला बाजार स्थित एक होटल के कमरे में शनिवार की देर शाम प्रयागराज के आशीष मिश्रा (38) की फंदे से लटकी लाश मिली। बताया जा रहा कि कर्ज और पारिवारिक कलह से परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी की है। पुलिस को होटल के कमरे से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें, कर्ज और खुद को परिवार के काबिल न होने जैसी बातें लिखी हैं। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया। उधर, फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी मौके से साक्ष्य लिए हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज जिले के नैनी क्षेत्र के लेबर कॉलोनी निवासी आशीष मिश्रा (38) पुत्र उमानंद मिश्रा, वर्तमान में एक हर्बल कंपनी में एसीएम के पद पर तैनात थे। वह आठ सितंबर से ही धर्मशाला बाजार स्थित एक होटल में ठहरे हुए थे। शनिवार को पूरे दिन आशीष कमरे में ही थे। पूरे दिन सर्विस कॉल नहीं आने पर होटल के कर्मचारियों को संदेह हुआ। उन्होंने शाम को कमरे का दरवाजा खुलवाने की कोशिश की। अंदर से कोई प्रतिक्रिया न आने पर कर्मचारियों ने गोरखनाथ पुलिस को सूचना दी। धर्मशाला चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा खोला गया तो आशीष, गमछा के सहारे पंखा से फंदा लगाकर लटके हुए थे। पुलिस ने शव को नीचे उतारवा कर कमरे की तलाशी ली तो दो पेज का सुसाइड नोट मिला। परिजनों को सूचना देने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। रविवार को परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया, जिसे लेकर वह प्रयागराज के लिए रवाना हो गए। रविवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे आशीष के पिता उमानंद मिश्रा ने बताया कि कंपनी के काम को लेकर वह कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। दो भाइयों में बड़ा आशीष छह वर्षीय बेटे ओम का पिता था। छोटा भाई आदित्य है, जो प्राइवेट काम करता है।
शुक्रवार को पिता से मांगे थे रुपये
पिता ने बताया कि आशीष ने शुक्रवार की दोपहर फोन कर रुपये की मांग की थी। उसने बताया था कि कंपनी के काम से शनिवार शाम को दिल्ली जाना है। बस से वह दिल्ली के लिए रवाना होगा। पिता ने मदद में रुपये भी भेज दिए थे। पिता के मुताबिक, शनिवार रात आठ बजे नैनी थाने से फोन कर उन्हें आशीष के बीमार होने की बात बताई गई। यहां पर आने पर पता चला कि उसकी मौत हो गई थी।
सुसाइड नोट में आशीष ने लिखा है कि पापा जी मुझे माफ कर दीजिएगा। मैं न तो अच्छा बेटा बन पाया और न ही एक अच्छा पिता। कर्ज से परेशान हो गया हूं। मेरी वजह से पूरा परिवार परेशान होता है। इस वजह से मैं अपनी जिंदगी को खत्म कर रहा हूं। अंत में उसने फिर लिखा है कि पापा मुझे माफ कर दीजिएगा।