कथा के पांचवे दिन गोवर्धन पूजा, श्री कृष्ण की नटखट लीला का किया वर्णन
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
क्षेत्र के निबैया गांव में प्रयागराज के सुप्रसिद्ध भागवताचार्य शम्भु शरण महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का संगीतमय वाचन किया जा रहा है। कथा के पंचम दिवस भगवान की वाल लीलाओं का वर्णन किया गया। पूतना उद्धार, सक्तासुर वध, नामकरण, माखन चोरी यमलार्जुन उद्धार, वृंदावन वास, गोपी चीर हरण और अंत में गिरराज गोवर्धन की उत्पत्ति की कथा व भगवान ने पूजन क्यों कराया, माखन की चोरी भगवान इसलिए करते थे।कथा का वर्णन कर श्रोताओं को अपनी मधुर वाणी से बांधे रखा।
प्रसंग के दौरान कथा व्यास ने बताया कि लीलापुरुष श्रीकृष्ण जब भी कोई लीला रचते हैं, उसके पीछे कोई आदर्श विद्यमान रहता है।अपनी संगीतमय कथा में बताया कि जब-जब भगवान ने अवतार लिया तब-तब भगवान शंकर उनके बालरूप के दर्शन के लिए पृथ्वी पर पधारे। श्रीरामावतार के समय भगवान शंकर श्रीकाकभुशुण्डि के साथ वृद्ध ज्योतिषी के रूप में अयोध्या में पधारे। श्रीकृष्णावतार के समय बाबा भोलेनाथ साधु- वेष में गोकुल पधारे।एक बार सभी देवताओं ने मिलकर भगवान से कहा कि मुझे आपके घर का मक्खन खाना है तो भगवान ने कहा अगर मैं मां से मांग लूंगा तो मां देगी नहीं। इसलिए मैं मटकी फोड़ दिया करूंगा। आप आकार खा जाया करो। व्यास ने कहा कि अगर चोरी नहीं करते तो कुबेर के पुत्र जो वृक्ष वने थे, उनका उद्धार कैसे होता और चीर हरण एक अज्ञान रूपी माया का आवरण हटाना ही चीर हरण है।
गोपियां नग्न स्नान करती। ये कुप्रथा थी। उसको समाप्त किया और गिरराज भगवान कृष्ण के पुत्र है। पूर्व वरदान के कारण भगवान ने गिरराज का पूजन कराया और फल बताया कि जो भी भगवान गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा कर पूजन करता है।उसके सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं। उसके घर में कभी भी धन और धान्य की कमी नहीं रहती। प्रसंग के अनुसार सुंदर झाकियों का दर्शन भी श्रोताओं को कराया गया।कथा में उमड़ी भीड़ से गदगद आयोजक ओपी शुक्ला और विकास शुक्ला ने श्रोताओं का आगमन के लिए आभार व्यक्त किया। अंत में कथा में मुख्य यजमान (शुक्ला बंधु) लालजी शुक्ला,श्यामजी शुक्ल ने सपत्नीक महापुराण की आरती की।श्रोताओं को प्रसाद वितरण किया गया।कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम 5 तक होती है।कथा व्यास कल महारास और श्रीकृष्ण - रुक्मिणी विवाह की कथा का रसपान कराएंगे।समूर्ण भागवत पूजन मेंआचार्य हरिशचन्द्र मिश्र
माता प्रसाद तिवारी
प्रकाश चन्द्र शुक्ल
ताराचन्द्र पाण्डेय
शिवबाबू द्विवेदी
सुभाष पाण्डेय
शिवकेश मिश्र
सौरभ त्रिपाठी ने विधि विधान से पूजा करा रहे हैं। कथा व्यास के साथ संगीत में तबला पर सत्यम पांडेय,हरमोनियम पर विभांशू दुबे, आर्गन पर रमन,पैड पर आशीष,बिंजो पर
कृष्ण कुमार पांडेय और पांडेय साउंड ग्रुप के हिमांशु पांडेय ने साथ दिया।आज की कथा में प्रमुख रूप से राजू शुक्ला, तुलसी दास तिवारी, गोविंद तिवारी,पद्मनाथ पांडेय,संतोष शुक्ला,विजयशंकर पांडेय,मनीष पांडेय,टुनटुन तिवारी, सुशांतु पांडेय, लल्लन शुक्ल,श्याम शुक्ला,अवनीश दुबे,अखिलेश शुक्ला,राजकुमार शुक्ल,श्याम कुमार शुक्ल,अशोक शुक्ला,विष्णुकांत शुक्ला,विश्वास शुक्ला आदि मौजूद रहे।
कृष्ण कुमार पांडेय और पांडेय साउंड ग्रुप के हिमांशु पांडेय ने साथ दिया।आज की कथा में प्रमुख रूप से राजू शुक्ला, तुलसी दास तिवारी, गोविंद तिवारी,पद्मनाथ पांडेय,संतोष शुक्ला,विजयशंकर पांडेय,मनीष पांडेय,टुनटुन तिवारी, सुशांतु पांडेय, लल्लन शुक्ल,श्याम शुक्ला,अवनीश दुबे,अखिलेश शुक्ला,राजकुमार शुक्ल,श्याम कुमार शुक्ल,अशोक शुक्ला,विष्णुकांत शुक्ला,विश्वास शुक्ला आदि मौजूद रहे।