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मौनी अमावस्या: महास्नान के ल‍िए उमड़े श्रद्धालु, मनौतियों संग लगाई पुण्‍य की डुबकी

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हेलीकॉप्टर से चार बार स्नानार्थियों पर की गई पुष्प वर्षा 

प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। शनिवार को माघ मेले के 16वें दिन मौनी अमावस्या पर संगम में लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 17 घाट बनाए गए हैं। मौनी अमावस्या सुबह 6 बजकर 16 मिनट से रविवार की रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इस बीच सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। श्रद्धालु संगम में स्नान के साथ ही घाटों पर बैठकर पूजा अर्चना कर रहे हैं।

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मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसी पवित्र योग में संगम पर मौन डुबकी लग रही है। इस बार शनि अमावस्या होने की वजह से इस स्नान पर्व पर डुबकी विशेष फलदायी होगी। परमहंस आचार्य प्रभाकर जी महाराज ने बताया कि मौनी सुबह 6 बजकर 16 मिनट से रविवार की रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इस बीच सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। ऐसे में पुण्य की डुबकी से मनसा, वाचा, कर्मणा तीनों तरह के पापों के शमन के योग हैं। सुबह 8 बजकर 33 मिनट से 9 बजकर 52 के बीच स्नान-दान का सबसे उत्तम मुहूर्त है।

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इसके साथ ही घाटों पर बैठे तीर्थ पुरोहितों को भी दान दक्षिणा देकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। उम्मीद है कि अमावस्या के पर्व पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालु मौन होकर संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। मेला प्रशासन द्वारा बनाए गए 500 बेड की डारमेट्री फुल हो गई है। सुबह 8 बजकर 33 मिनट से 9 बजकर 52 के बीच स्नान-दान का सबसे उत्तम मुहूर्त है। ड्रोन पायलट, जल पुलिस, 150 CCTV कैमरे, ब्लैक कमांडोज, स्नाइपर्स, 5 हजार पुलिस मेले के चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, रेलवे ने 29 स्पेशल ट्रेनें और रोडवेज ने 2800 बसों को बढ़ाया है।

मौनी अमावस्या के एक दिन पहले यानी शुक्रवार रात से ही श्रद्धालुओं ने स्नान-दान करना शुरू कर दिया। रात करीब 12 बजे बारिश के बीच श्रद्धा, आस्था और विश्वास की बागडोर संभाले संगम की तरफ श्रद्धालु जाते दिखाई दिए। कई किलोमीटर पैदल चलकर बस एक ही चाह संगम में एक डुबकी पुण्य की हमारी भी लग जाए। मां गंगा की कृपा और आशीर्वाद हमें भी मिल जाए।

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करीब 8 किलोमीटर के दायरे में संगम की रेती पर बसी तंबुओं की नगरी में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत की भी तैयारी है। सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर संगम नोट पर चार राउंड में पुष्प वर्षा होगी। हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा के साथ ही साथ सुरक्षा की भी निगरानी की जा रही है।

दो करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

विकास प्राधिकरण ने मौनी अमावस्या के दिन दो करोड़ श्रद्धालुओं के संगम आने और स्नान करने की उम्मीद जताई है। शुक्रवार की शाम को ही प्रशासन के दावे के सापेक्ष लाखों श्रद्धालु एक दिन पहले ही संगम की ओर जाते दिखाई दिए। आने और जाने वालों की भीड़ समान दिखाई दी। यानी 24 घंटे श्रद्धालुओं का आने और स्नान के बाद जाने का सिलसिला चल रहा है। भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

मेला प्रशासन के द्वारा बनवाए गए 500 बेड की डारमेट्री भी शुक्रवार को ही फुल हो गई। जितने रैन बसेरे शहर में बनाए गए हैं उनमें भी दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं ने अपना डेरा बना रखा है। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को जहां जगह मिली वहीं अपना डेरा जमा लिया। स्थिति यह रही कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं ने संगम नोज पर ही कुश पर खुले आसमान के नीचे बिछाकर रात गुजारी और सुबह उठकर स्नान दान किया।


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