शासन से मिली मंजूरी, जल्द होगा विस्तार
प्रयागराज (राजेश सिंह)। पतितपावनी संगम, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर स्थित पवित्र अक्षयवट की भव्यता आने वाले दिनों में देखते बनेगी। श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन बेहद सुगम हो जाएगा। इसके लिए वाराणसी में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर अक्षयवट परिसर (कारिडोर) बनेगा। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें रुचि दिखाई है। इसीलिए इतनी जल्दी इस परियोजना की उत्तर प्रदेश शासन से मंजूरी भी मिल गई।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के उच्चाधिकारियों को अक्षयवट परिसर के निर्माण में कार्यदायी संस्था को सहयोग देने के निर्देश भी दे चुके हैं। अक्षयवट परिसर का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी बन चुका है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण, प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने एक कंसल्टेंसी कंपनी और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के सहयोग से डीपीआर तैयार कराया है। पीडीए, पर्यटन विभाग और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज पूरा कार्य कराएगा।
डीपीआर के मुताबिक अक्षयवट परिसर बिल्कुल ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ परिसर की तरह होगा। किला में घुसने के लिए स्नान घाट की ओर बेहतरीन प्रवेश द्वार व निकास द्वार बनेगा। अक्षयवट का बेहतरीन चूबतरा बनेगा। यह चबूतरा राजस्थान के उच्च गुणवत्ता वाले पत्थरों व गुजरात की विशेष टाइल्स से बनेगा। इसके लिए राजस्थान, महाराष्ट्र व गुजरात के कारीगर भी बुलाए जाएंगे। अक्षयवट परिसर का सुंदरीकरण कराया जाएगा।
आकर्षक लाइटिंग के साथ ही रास्ते पर एलईडी स्क्रीन, लाइट एंड साउंड सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। आने-जाने के लिए विशेष संगमरमर से अक्षयवट परिपथ बनेगा। इसी परिसर में बड़े हनुमान मंदिर व सरस्वती कूप भी शामिल होगा। महाकुंभ 2025 के पहले अक्षयवट परिसर तैयार हो जाएगा। प्रधानमंत्री ही इसका लोकार्पण करेंगे। दिव्य व भव्य कुंभ 2019 के अवसर पर प्रधानमंत्री ने लगभग 450 वर्षों से किला में कैद अक्षयवट के दर्शन की घोषणा की थी। तब से अब तक देश-दुनिया के एक करोड़ 39 लाख लोग अक्षयवट का दर्शन-पूजन कर चुके हैं।
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि अक्षयवट परिसर एवं महाकुंभ को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजना है। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। पूरे प्रोजेक्ट का एस्टीमेट भी बन चुका है। सभी विभागों से सैंद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। जल्द ही इसका कार्य शुरू कराया जाएगा।