प्रयागराज (राजेश सिंह)। बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री प्रयागराज में संगम तट पर पहुंचे। यहां माघ मेले में उन्होंने आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद निर्मोही अखाड़े के संत संतोष दास (सतुआ बाबा) के पंडाल में पहुंचकर साधु-संतों से मुलाकात की। अब वो मेजा में मां शीतला धाम कृपा महोत्सव में लगने वाले दरबार में मौजूद है। उन्हें देखने और सुनने के लिए हजारों समर्थक-भक्त वहां मौजूद हैं।
धीरेंद्र शास्त्री के प्रयागराज पहुंचने के बाद उनके समर्थकों का हुजूम देखने को मिला। लोग उनकी एक झलक पाने के लिए सुबह से तट के आस-पास मौजूद थे। सुरक्षा के चलते पुलिस बल को भी तैनात रखा गया था। धीरेंद्र शास्त्री अपनी खास गाड़ी से तट तक पहुंचे। यहां सुरक्षा चक्र के बीच उन्होंने गंगा में पावन डुबकी लगाई। इस दौरान वो लगातार कुछ मंत्र पढ़ रहे थे।
गंगा से निकलने के बाद वो पीले रंग के वस्त्रों में नजर आए। तट पर ही बने हुए सतुआ बाबा के पंडाल तक वो गए। यहां बड़ी संख्या में साधु-संत पहले से मौजूद थे। उनके साथ करीब 45 मिनट उनकी मंत्रणा हुई। चर्चा है कि वो हिंदू राष्ट्र के साथ साधु-संतों का समर्थन चाहते थे। जो उन्हें इस मुलाकात के बाद मिल भी गया है।
इसके बाद वो अपनी कार में मेजा के मां शीतला कृपा महोत्सव के लिए निकले। यहां दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बागेश्वर सरकार का दरबार होना है। पंडाल में करीब डेढ़ लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इससे पहले वो कार की छत से अपने समर्थकों का अभिवादन करते हुए नजर आए।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर बहुत गोपनीयता रखी गई है। माघ मेला एसपी डॉ. राजीव नारायण तिवारी से जब धीरेंद्र शास्त्री के पूरे आयोजन के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा, "लिखित में हमारे पास कोई इनपुट नहीं है। मौखिक में धीरेंद्र शास्त्री के स्नान, फिर मंत्रणा के बारे में बताया गया है। इसलिए हमने सुरक्षा की व्यवस्थाएं कर दी है।
प्रयागराज के सतुआ बाबा ने पत्रकारों को बताया कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री उनके माघ मेले में महावीर मार्ग पर स्थित शिविर में आ चुके हैं। सुरक्षा कारणों से उनका मिनट टू मिनट हमसे भी नहीं साझा किया गया। धीरेंद्र शास्त्री से मिलने को लेकर साधु-संतों में काफी उत्साह है। उनसे कई संतों ने संपर्क किया और धीरेंद्र शास्त्री से मिलने की इच्छा जाहिर की। वो सभी पंडाल में पहुंच चुके हैं। उसके बाद बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेन्द्र शास्त्री मेजा के लिए रवाना हो गए।