प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150वें स्थापना के समापन समारोह में पहुंचे केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि लोगों को जल्दी न्याय मिल सके इस भावना के साथ मिलजुल कर काम करने की जरूरत है। केंद्रीय विधि मंत्री ने कहा कि यूपी में लंबित केसों की संख्या को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोक अदालतें आयोजित की जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके इसके लिए कई आयामों पर काम कर रही है। सरकार ने अभी हाल ही में ई कोर्ट्स के लिए भारी भरकम बजट जारी किया है, जिसके जरिए लोगों को कई चीजें ऑनलाइन मिल सकेंगी। उन्होंने मातृभाषा में बहस करने और आदेशों को क्षेत्रीय भाषाओं में दिए जाने की भी वकालत की।
कहा कि आजकल मीडिया में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अक्सर विवादित खबरों को तूल देकर पेश किया जा रहा है, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। न्यायपालिका हो या विधायिका या फिर कार्यपालिका हो सभी जनता के सेवक हैं और लोगों के लिए ही काम कर रहे हैं। हम सबको मिलकर सेवक की तरह काम करने की जरूरत है।
न्याय मंत्री ने लंबित केसों की संख्या पर भी चिंता जाहिर की। कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए यह सही नहीं है। कानून मंत्री ने कहा कि जब वह मंत्री बने तो उस समय देश में मुकदमों की संख्या चार करोड़ 30 लाख थी, जो अब बढ़कर 4 करोड़ 70 लाख के ऊपर चली गई। यह सही नहीं है। सरकार लंबित मामलों के निस्तारण के लिए कई उपायों पर काम कर रही है। मध्यक्षता कानून के तहत नालसा के जरिए लंबित वादों को निस्तारित कराया जायेगा, जिससे कि कोर्टों पर केसों की संख्या कम हो सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीब वादकारियों के मुकदमों के निस्तारण के लिए वकील फीस की चिंता ना करें यह चिंता केंद्र सरकार की है। उन्होंने हाईकोर्ट और बार एसोसिएशन की मांगों पर भी विचार करने को कहा। कहा कि यहां जजों की नियुक्ति और लाइब्रेरी की जो मांग की जा रही है। कानून मंत्री होने के नाते उनका यह दायित्व है कि वह उसको आगे बढ़ाएंगे।