पुलिस ने पहुंचकर शांत कराया मामला
प्रयागराज (राजेश सिंह)। क्षेत्र के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय नगई का पूरा के छात्रों ने बृहस्पतिवार को भी जमकर हंगामा किया। छात्र विद्यालय में मिलने वाली सुविधाओं में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर नाराज हैं। सूचना पर थाना प्रभारी व तहसीलदार मौके पर पहुंचे और उन्होंने छात्रों से बातचीत कर व्यवस्थाओं को ठीक कराने का आश्वासन दिया। बुधवार रात भी छात्रोंं ने हंगामा किया था। साथ ही बाहरी लोगों पर विद्यालय में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसमें कृष्ण कुमार नामक छात्र की चोट भी आई थी।
बच्चों को नाश्ते में चाय और बिस्किट दिया जाता है, वह भी कम पड़ जाने के कारण बुधवार सुबह दो बच्चे आपस में भिड़ गए। इससे हंगामा होने लगा। आरोप है कि सुपरवाइजर धर्मेश कुमार ने कृष्णा नाम के बच्चे के साथ दुर्व्यवहार किया। इससे अन्य बच्चे उग्र हो गए। उनका आरोप है कि कीर्तिमान नाम का छात्र मेस सुपरवाइजर का रिश्तेदार है और यहीं का रहने वाला है। कीर्तिमान विद्यालय से बाहर आया और शाम होते बाहरी बच्चों को परिसर में ले जाकर कृष्णा को मारा पीटा। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। एसडीएम शुभम यादव के आदेश पर तहसीलदार अनिल कुमार वर्मा तथा थानाप्रभारी धीरेंद्र सिंह बृहस्पतिवार को सुबह जांच करने पहुंचे। घटना को लेकर बच्चे काफी उग्र थे। उन्होंने प्रधानाचार्य के सामने अव्यवस्था की पूरी कहानी बताई। छात्र प्रवीण कुमार ने बताया कि मैनुअल के हिसाब से न तो नाश्ता दिया जाता है और न ही भोजन। सड़े गले टमाटर सप्ताह भर से पड़े रहते हैं, भोजन में उसका प्रयोग किया जाता है। एकत्रित बच्चों ने बताया कि सत्र बीतने को है, लेकिन अभी तक छात्रों को किताब और कॉपियां नहीं वितरित की गईं। लाइट की बड़ी समस्या है, कभी-कभी घंटों तक लाइट कट जाती है, इस कारण अंधेरे में ही रहना पड़ता है।
शाम के समय अक्सर कटौती की जाती है। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है।बताया कि कभी अगर किसी बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो जाता है तो विद्यालय के लिपिक घर जाने को कह देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चपरासी लिपिक का काम करते हैं। जबकि लिपिक कभी-कभी चले आते हैं। न तो हम लोगों को नहाने के लिए साबुन दिया जाता है और न हीं चप्पल टूटने पर व्यवस्था कराई जाती है। आरोप लगाया कि बच्चों के लिए जो सामान आता है उसे बाहर बेच दिया जाता है। बच्चों का कहना था कि प्रधानाचार्य को छोड़कर कोई भी शिक्षक विद्यालय में नहीं रुकता है। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 15 है।
बच्चों ने अधिकारियों को छात्रावासों की की हकीकत भी दिखाई। यहां छत के अगल-बगल से कमरे में पानी टपकता दिखा। रसायन और भौतिक विज्ञान के शिक्षक गणित पढ़ाते हैं। 16 फरवरी से एग्जाम है।
बच्चों ने प्रधानाचार्य से कहा कि आप हमको हमारी टीसी दिलवा दीजिए, हम लोग परीक्षा छोड़कर चले जाएंगे, चाहे हमारा सत्र क्यों ही न खराब हो जाए। बहुत समझाने के बाद भी बच्चे मानने को तैयार नहीं थे। बच्चों ने कहा कि जब तक डिप्टी सीएम नहीं आएंगे तब तक हम लोग नहीं मानेंगे। बच्चों ने प्रधानाचार्य शशिकांत पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब तहसीलदार और थाना प्रभारी विद्यालय में जांच करने आए तो हम लोगों को वहां भगा दिया गया। अधिकारियों के सामने बात नहीं रखने ती गई। बच्चे परीक्षा के समय सुरक्षा की मांग कर रहे थे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य शशिकांत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी मेरी है। इनको परीक्षा के समय कोई दिक्कत नहीं होगी। जांच करने पहुंचे तहसीलदार कोरांव अनिल कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चों को समझाया गया और विद्यालय के प्रधानाचार्य को कड़े निर्देश भी दिए गए कि बच्चों को सही भोजन दिया जाए और इनके साथ दुर्व्यवहार न किया जाए। राजकीय विद्यालय में पंजीकृत छात्रों की संख्या 378 है तथा मौके पर 200 बच्चे थे। इधर, विद्यालय के लिपिक मुरारी का कहना था कि मैं यहां कभी कभार रुकता हूं। मुझे जिले पर भी काम रहता है। उन्होंने बच्चों से क्षमा मांगी और अव्यवस्था दूर करने का आश्वासन दिया।
समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र कुमार सिंह ने कहा कि भोजनालय की मेज टूट गई है। इसको बदलने के लिए डिमांड भेजी गई है। अन्य अव्यवस्थाओं के बारे में प्रधानाचार्य व बच्चों से जानकारी लेते हुए कार्रवाई की जाएगी। परिसर में गंदगी के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच कराई जाएगी। रही बात काॅपी किताब न मिलने की तो छात्र मनगढंत आरोप लगा रहे हैं।