प्रयागराज (राजेश सिंह)। यमुनानगर इलाके में 16 फरवरी की दोपहर सड़क हादसे में महिला गीता पटेल की मौत के बाद हुए बवाल में अब पुलिस सक्रिय हो गई। इस मामले दारोगा को मुक्का मारने वाले युवक समेत चार नामजद और पांच दर्जन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बल्कि मुख्य दो आरोपियों को घर से घसीट भी ले गई है। जो मृतका के चचेरे भाई हैं। बवाल के तीसरे दिन रात में शुरू हुई पुलिसिया कार्रवाई ने बवाल में शामिल ग्रामीणों में दहशत व्याप्त कर दी है। गिरफ्तार किए गए युवकों के घरवाले अब पुलिस ज्यादती को लेकर गुहार लगा रहे हैं।
दुर्घटना और बवाल के दौरान दरोगा को मुक्का मारने का वीडियो जमकर वायरल हुआ। उसके बाद शुक्रवार को दीपा केशव का पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, फिर अंतिम संस्कार कराया गया। शनिवार दिन भर पुलिस शांत रही। रात में एसएसआई करछना विनीत कुमार यादव की तहरीर पर मृतका दीपा पटेल के चचेरे भाई शशिकांत पटेल और मनोज कुमार पटेल के अलावा इंद्रजीत पटेल राजेश कुमार तथा 5 दर्जन अज्ञात के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट गाली-गलौज बलवा आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
रात में 1:30 के बाद पुलिस ने दबिश देकर शशिकांत पटेल को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को उसका चालान कर दिया गया। उसके बाद मनोज पटेल को भी रात में उठा लिया गया। मनोज के घर वालों का कहना है कि उसे कपड़े तक नहीं पहने दिया गया। वह घर में लेटा था, चड्डी बनियान पर पुलिस उसे घर से घसीटते हुए उठा ले गई। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई से गांव में दहशत व्याप्त हो गई है। दूसरी तरफ करछना पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो के आधार पर हमलावरों की पहचान कराई गई। उसी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
यमुनानगर के करछना थाना अंतर्गत लाला का पुरवा ग्राम गांव निवासी रमाकांत पटेल रिटायर्ड बैंक मैनेजर है। बृहस्पतिवार को वह अपने ड्राइवर सुभाष यादव निवासी गोती, पूर्वा खास, औद्योगिक क्षेत्र के साथ 16 फरवरी को कार से अपनी ससुराल अरई भस्मा, करछना जा रहे थे। गाड़ी स्वयं रमाकांत चला रहे थे। भस्मा गांव मैं उनकी कार का संतुलन अचानक बिगड़ गया। दोपहर में करीब 12.15 बजे कार अनियंत्रित होकर सड़क से उतरकर सामने पानी भरने के लिए हैंडपंप की ओर जा रही 35 वर्षीय महिला दीपा पटेल पुत्री राजकरण पटेल को कुचलते हुए उसके कच्चे मकान में घुस गई। जिसमें दीपा पटेल की मौके पर मौत हो गई थी।
हादसे के बाद करीब नौ घंटे तक बवाल काटने वाले ग्रामीणों के आगे पुलिस उस वक्त असहाय नजर आ रही थी। जिसका नतीजा यह था कि उग्र ग्रामीणों ने बंधक बनाए गए पूर्व बैंक मैंनेजर रमाकांत और कार चालक सुभाष यादव को पीटकर अधमरा कर दिया, फिर डीजल डालकर दोनो को जिंदा जलाने की कोशिश की। मना करने पर करछना थाने के एसआई हरिशंकर मिश्रा के चेहरे पर घूंसा जड़ दिया था। और यह सब पुलिस वाले मूकदर्शक बनकर देखते रहे।
दोपहर में 12.15 बजे शुरू हुआ बवाल रात में 9.30 बजे के आस पास खत्म हो पाया। एसीपी करछना अजीत सिंह चौहान ने 10 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने का जब आश्वासन दिया तब। उसके बाद पिटाई से घायल रिटायर्ड बैंक मैनेजर और उनके ड्राइवर को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। मृतका के घरवालों की तरफ से दोनों आरोपियों के खिलाफ करछना कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।