प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के पड़ोसी देश नेपाल में छिपे होने की आशंका है। इस हत्याकांड की जांच में जुटी एजेंसियां अब उसके नेपाली ठिकाने की तलाश में जुटी हैं। पता चला है कि वह बहराइच के रास्ते नेपाल भाग गया है। इस मामले में अतीक अहमद के मददगार ग्रेटर नोएडा और लखनऊ के दो बड़े बिल्डर एसटीएफ के राडार पर हैं।
कॉल डिटेल के आधार पर मददगारों की भी लोकेशन ली जा रही है। ताकि, असद तक पहुंचा जा सके। उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों की तलाश में जुटी एसटीएफ और पुलिस को कई संदिग्ध नंबर मिले हैं। इसमें अतीक के करीबी एक ग्रेटर नोएडा और लखनऊ के बिल्डर भी शामिल हैं।
बहराइच के एक वकील की भी कॉल डॉल डिटेल निकाली जा रही है। एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार बहराइच के रास्ते ही असद नेपाल भाग चुका है। दरअसल अतीक अहमद के कई करीबियों के होटल कारोबार नेपाल में हैं। आशंका है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद नेपाल में ही असद ने ठिकाना बना रखा है। फिलहाल उसके कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। लेकिन, इस समय करीबियों और मददगारों के भी मोबाइल नंबर स्विच्ड ऑफ हैं। उधर, गुड्डू मुस्लिम, मोहम्मद गुलाम और साबिर के भी कई करीबियों के फोन नंबर पुलिस के हाथ लगे हैं।
उनकी कॉल डिटेल खंगालने के बाद पता चला है कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शूटरों की मदद लखनऊ और ग्रेटर नोएडा के दो बड़े बिल्डरों ने की है। लेकिन, अब उनके भी मोबाइल बंद हैं। ऐसे मददगारों और उनके करीबियों के भी फोन बंद जा रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार इस हत्याकांड में तीन कारों के अलावा दो मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी मिली है। असद और शूटर गुलाम दोनों उसी क्रेटा कार से शहर की तरफ भागे थे, जिससे वह इस घटना को अंजाम देने के लिए आए थे।
फिलहाल करीबियों के फोन नंबर बंद होने और सटीक लोकेशन न मिल पाने की वजह से इन शूटरों तक अभी तक एसटीएफ नहीं पहुंच पा रही है। असद की सटीक लोकेशन न मिल पाने से पुलिस और एसटीएफ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एसटीएफ उनके शरणदाताओं को भी अभी चिह्नित नहीं कर सकी है। कहा जा रहा है कि शूटरों ने तो नंबर बदल ही दिए हैं, उनके करीबियों ने भी फोन बंद कर रखे हैं।