प्रयागराज (राजेश सिंह)। माफिया अतीक का भाई अशरफ जेल में अपने साले व गुर्गों के साथ गवाहों की हत्या एवं रंगदारी का षड्यंत्र रचता था। जेल अधिकारी व कर्मचारी उसकी मिलाई बिना पर्ची एकांत में कराते थे। फोन पर भी बात कराई जाती थी।
ऐसे तथ्य सामने आने पर मंगलवार को जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी और कैंटीन में सब्जियां पहुंचाने वाले टेंपो चालक दयाराम उर्फ नन्हे को गिरफ्तार कर लिया गया। इन दोनों समेत सात के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, कारागार अधिनियम, षड्यंत्र रचने, अपराधियों को आश्रय देने की धाराओं में प्राथमिकी लिखी गई है। इसमें अज्ञात जेल अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
विस्तृत जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है। अशरफ 2020 से जिला जेल में बंद है। 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल एवं उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या का षड्यंत्र रचने में उसका नाम आया तो एसटीएफ जांच में जुटी। अशरफ के साले सद्दाम और लल्ला गद्दी ने जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी से साठगांठ की।
एक आइडी पर छह-सात लोगों की अशरफ से मुलाकात कराई जाती थी। अशरफ के लिए रुपये, खाना और अन्य सामान जेल के भीतर पहुंचता था। सप्ताह में दो-तीन बार जेल में नियत स्थान के अलावा अन्य स्थान पर लगभग एक से दो घंटे अशरफ का अलग दरबार लगता था।
इसके लिए जेल अधिकारियों और स्टाफ के लोगों को भी मोटी रकम मिलती थी। अशरफ अपने साले सद्दाम, बरेली निवासी लल्ला गद्दी के साथ मिलकर पुलिस अधिकारियों, गवाहों, अभियोजन अधिकारियों की हत्या की योजना बनाता था।
शिवहरि और दयाराम से पूछताछ में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं। ये दोनों बात कराने के बाद मोबाइल से ब्योरा डिलीट कर देते थे। दोनों से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। अशरफ उर्फ खालिद अहमद को 11 जुलाई 2020 को प्रयागराज से बरेली जेल लाया गया। एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने मुकदमा दर्ज होने और एसआइटी गठित होने की पुष्टि की है।