छापेमारी में मोबाइल से वीडियो रिकार्डिंग भी करेंगे सचल दस्ते
प्रयागराज (राजेश सिंह)। सामूहिक नकल कराने के बाद भी छापेमारी में बच निकलने वाले महाविद्यालयों पर नकेल कसने को प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय ने रणनीति बनाई है। अब सचल दस्ते भी छापेमारी की मोबाइल से ही वीडियो रिकार्डिंग परीक्षा केंद्र में प्रवेश के साथ ही करेंगे। इससे सचल दस्ते के आते ही नकल सामग्री मैदान में फेंकने को भी सामूहिक नकल मानते हुए डिबार करने की कार्रवाई की जाएगी। 25 अप्रैल से शुरू हो रही राज्य विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर कुलपति ने सचल दस्तों का गठन कर दिया है। साथ ही सीसीटीवी कंट्रोलरूम भी स्थापित कर दिया है। कई बार परीक्षाओं के दौरान सचल दस्ते के पहुंचने से पहले ही नकल सामग्री फेंक दी जाती है। ऐसे में इस तरह की घटनाओं का वीडियो साक्ष्य भी बनाया जाएगा, ताकि कालेज किसी भी तरह से कार्रवाई से बच नहीं पाएं।
कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षाएं 25 अप्रैल से शुरू होकर 16 जून तक 183 परीक्षा केंद्रों पर होगी। परीक्षा के लिए जो 25 नोडल केंद्र बनाए गए, उनको भी जवाबदेह बनाया जाएगा। सचल दस्ते परीक्षा केंद्र के बाहर लोगों की भीड़ दिखने पर उसकी वीडियो भी बनाएंगे, इसको भी साक्ष्य के रूप में प्रयोग में लाया जाएगा। इसके साथ ही परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरों बंद मिलने या फिर रावि के कंट्रोल रूम नहीं जुड़े होने पर परीक्षा केंद्र को नकल में लिप्त मानते हुए दंडित किया जाएगा। राज्य विश्वविद्यालय वर्ष 2022 की वार्षिक परीक्षाओं में करीब नकल करते पकड़े गए 25 हजार छात्रों की संबंधित प्रश्न पत्र की परीक्षा निरस्त करने और 270 कॉलेजों पर डिबार और भारी भरकम जुर्माना लगाने के बाद चर्चाओं में आया था।