मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
क्षेत्र के प्रमुख बाजारों व चौराहों पर शौचालय की व्यवस्था न होने से जहां लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है,वहीं महिलाओं को शर्मसार होना पड़ता है।मेजारोड,सिरसा,मेजा खास,दिघिया,सोनार्का तारा,मांडा, कोहड़ार आदि बाजारों की यही दुर्दशा है। मेजारोड बाजार की बात करें तो यह बाजार मेजा तहसील मुख्यालय का प्रमुख चौराहा है। सुबह शाम इस चौराहे पर हजारों लोगों का आवागमन लगा रहता है।
लेकिन सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है कि इस प्रमुख चौराहे पर सुलभ शौचालय ना होने के कारण महिलाओं को शर्मसार होना पड़ता है। प्रमुख चौराहे पर सुलभ शौचालय के लिए कई बार मांग उठाई गई लेकिन वह राजनैतिक उपेक्षाओ का शिकार होकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। जिसके चलते यह समस्या पिछले कई सालों से जस की तस बनी हुई है।
शौचालय के अभाव में राहगीरों को जिल्लत झेलनी पड़ती है। पुरुष तो किसी तरह काम चला लेते हैं लेकिन महिलाओं को शर्मसार होना पड़ता है। बाजार की सबसे बड़ी गंभीर समस्या पर किसी भी राजनीतिक पार्टी की निगहबानी नहीं है। राजनैतिक मंचो से दंभ भरने वाले नेता आवाज को उठाकर वाह वाही तो खूब लूटते हैं, लेकिन इस समस्या का निराकरण करने में नाकाम साबित हो रहे हैं,जो पिछले कई सालों से नासूर बनी हुई है। महिलाओं के सम्मान की बात करने वाले राजनेता तो बहुत है लेकिन केवल वह मंचो तक ही सिमट कर रह जाता है।काम के नाम पर सिर्फ दिखावा ही होकर रह जाता है।व्यापारियों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए बाजारों में सुलभ शौचालय बनवाने की मांग की है।