प्रयागराज (राजेश सिंह)। महापौर के पद पर गणेश केसरवानी के निर्वाचित होने के बाद भाजपा को इस माह नया महानगर अध्यक्ष मिल सकता है। महानगर के साथ ही पार्टी गंगापार और यमुनापार अध्यक्ष के नाम भी जून 2023 में जारी कर देगी। इस बीच महानगर अध्यक्ष बनने के लिए पार्टी पदाधिकारियों तक तमाम भाजपा नेताओं के नाम पहुंचे हैं। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने जातीय समीकरण के हिसाब से अगले माह तीनों अध्यक्ष के नाम जारी करने की तैयारी की है।अगले वर्ष लोकसभा अप्रैल-मई में संभावित है। अब एक वर्ष से कम का समय बचा है। इसी वजह से भाजपा द्वारा निकाय चुनाव के परिणाम के बाद से ही प्रयागराज समेत तमाम जिलों में संगठन में फेरबदल करने की तैयारी की है।
प्रयागराज में महानगर अध्यक्ष पद का दायित्व अभी गणेश केसरवानी के पास ही है। इस वजह से महापौर के दायित्व के साथ ही वह संगठन के कार्य भी लगातार कर रहे हैं। फिलहाल पार्टी ने संकेत दिए हैं कि जून में संगठन कुछ फेरबदल करने जा रहा है। इस बीच अध्यक्ष पद के लिए तमाम लोगों ने अपनी दावेदारी प्रदेश मुख्यालय, काशी प्रांत कार्यालय के साथ ही वरिष्ठ नेताओं के यहां की है। प्रयागराज महानगर की बात करें तो यहां पिछले कई वर्ष से वैश्य बिरादरी से ही अध्यक्ष बन रहे हैं। 2014 में यहां जब मोदी सरकार बनी तब यहां शशि वार्ष्णेय के पास यह दायित्व था। उसके बाद अवधेश चंद्र गुप्ता और वर्ष 2020 से गणेश केसरवानी यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लगातार तीन बार से वैश्य बिरादरी का अध्यक्ष होने की वजह से चर्चा इस बात की है कि पार्टी कायस्थ, ब्राह्मण या क्षत्रिय बिरादरी का अध्यक्ष बना सकती है।
अभी जो नाम सामने आए हैं उसमें पवन श्रीवास्तव, आनंद श्रीवास्तव, कुुंज बिहारी मिश्रा, राजेंद्र मिश्रा, जयवर्धन त्रिपाठी, रितेश मिश्रा, विनय मिश्रा सिंटू, आशुतोष पांडेय, राजू पाठक, विक्रमजीत सिंह भदौरिया, कमलेश कुमार, संजय श्रीवास्तव के साथ ही वैश्य बिरादरी से आशीष गुप्ता, रवि केसरवानी, संजय गुप्ता, विवेक अग्रवाल आदि शामिल हैं। चर्चा यह भी है कि पार्टी गंगापार से ब्राह्मण एवं यमुनापार से अनुसूचित जाति के नेता को अध्यक्ष बना सकती है। यमुनापार अध्यक्ष विभवनाथ भारती की तमाम शिकायत सामने आने के बाद पार्टी उन्हें अब दोबारा यह दायित्व सौंपेगी, इसकी संभावना कम है।