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प्रयागराज: सभी का फिटनेस हो चुका है समाप्त, शहर में काल बनकर दौड़ रही हैं एंबुलेंस

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। स्वरूप रानी अस्पताल के पास स्थित सुलभ कॉम्पलेक्स के पास खड़ी एंबुलेंस में सोमवार को अचानक आग लग गई। जब इस घटना की पड़ताल हुई तो पता चला कि एंबुलेंस 20 साल से ज्यादा पुरानी थी और इसकी आरसी आरटीओ ने एक साल पहले ही निरस्त कर दी थी। इस तरह की यह एकमात्र एंबुलेंस नहीं है, शहर में सैकड़ाें ऐसी खटारा एंबुलेंस हैं जो काल बनकर दौड़ रही हैं। टूटे दरवाजे, उधड़ी सीट, हिलती-डुलती बॉडी व डोरी से बंधे बंपर वाली एंबुलेंस धड़ल्ले से मरीजों को अस्पताल लाने व ले जाने का काम कर रही हैं। इनमें निजी ही नहीं, बल्कि सरकारी एंबुलेंस भी शामिल हैं। 
प्रयागराज आरटीओ कार्यालय में कुल 501 एंबुलेंस पंजीकृत हैं। इनमें 355 निजी और 146 सरकारी एंबुलेंस हैं। बड़ी बात यह है कि इनमें से 93 निजी और 45 सरकारी एंबुलेंस की फिटनेस समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद मानकों के विपरीत इन 138 खटारा एंबुलेंस से मरीजों को अस्पताल लाने व ले जाने का काम किया जा रहा है। 
इन एंबुलेंस की हालत इतनी खराब है कि ये कभी भी हादसाग्रस्त हो सकती हैं, लेकिन इस बात की परवाह किसी को नहीं है। तेज रफ्तार से दौड़तीं इन एंबुलेंस के खिड़की-दरवाजे दोगुनी तेजी से आवाज करते हैं। इनमें सरकारी एंबुलेंस की हालत सबसे ज्यादा खराब है। डफरिन अस्पताल में लगीं दो एंबुलेंस की हालत बेहद खराब है, पर इन पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। बता दें कि सोमवार को जिस एंबुलेंस में आग लगी थी, वह 2004 में नैनी सेंट्रल जेल में लगाई गई थी। 2021 में री-रजिस्ट्रेशन समाप्त होने बाद भी लगातार दो साल से इसमें मरीज ढोए जा रहे थे।
शहर में सैकड़ों एंबुलेंस अवैध रूप से मरीजों को ढो रही हैं। इन एंबुलेंस का आरटीओ कार्यालय में पंजीकरण ही नहीं है। इनका जमावड़ा सबसे ज्यादा एसआरएन परिसर में देखने को मिलता है। अस्पताल के अधिकतर स्टाफ से इनके संचालकों की साठगांठ होती है। हर एक मरीज पर कमीशन तय होता है। एंबुलेंस की स्थिति क्या है, इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
कई सरकारी एंबुलेंस में आम सुविधाओं का भी टोटा है। इनमें ऑक्सीजन सिलेंडर की सही व्यवस्था नहीं है। प्राथमिक उपचार के लिए दवाईयां भी पूरी तरह से मौजूद नहीं हैं। वहीं, एंबुलेंस की जिस सीट पर मरीज को लिटाया जाता है वह पूरी तरह से उधड़ चुकी है। फिर भी बिना रोक टोक यह मरीजों को ढो रही हैं।

जिन एंबुलेंस की फिटनेस समाप्त हो चुकी है, उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है, इसके अलावा अवैध रूप से चल रही एंबुलेंस की धरपकड़ के लिए प्रवर्तन टीमों का गठन कर दिया है। मंगलवार को किन्हीं कारणों से अभियान की शुरुआत नहीं हो सकी। बुधवार से इसकी शुरुआत होगी। - अलका शुक्ला, एआरटीओ (प्रवर्तन)

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