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मेजा में गौ आधारित प्राकृतिक खेती के बताए गए फायदे, सैकड़ों किसानों ने सीखे गुर

 


मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

मेजा क्षेत्र में कृषि विभाग ने सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पूर्व ब्लॉक प्रमुख मेजा जांगीलाल गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें किसानों को गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने की विस्तार से सम्पूर्ण जानकारी दी गई। कार्यशाला में दर्जनों की संख्या में क्षेत्रीय किसान शामिल हुए।सोमवार को मेजा खास के ग्राम पंचायत भवन में कृषि विभाग द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें दर्जनों की संख्या में शामिल हुए किसानों को प्रशिक्षक खंड तकनीकी प्रबंधक मनोज कुमार दुबे द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने के तरीके व फायदे बताए गए।श्री दुबे ने किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती में अंतर को समझाते हुए, वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि भारत सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दे रही है। प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत, पंचगव्य, अग्नि अस्त्र, ब्रम्हास्त्र, नीमास्त्र, दशपर्णी अर्क, सप्त धान्यांकुर आदि को बनाने तथा उसकी भंडारण क्षमता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।इसके अलावा पलेवा के समय तथा खड़ी फसल में जीवामृत, घनजीवामृत, पंचगव्य; फसल पोषण हेतु सप्त धान्यांकुर बीज उपचार हेतु बीजामृत एवं रोगों तथा कीटों से बचाने हेतु अग्नि अस्त्र, ब्रम्हास्त्र, नीमास्त्र, दशपर्णी अर्क का प्रयोग किया जाता है।  उन्होंने किसानों को बताया कि मृदा में रहने वाले जीवाणु, जो मिट्टी से पोषक तत्वो को पौधो को उपलब्ध कराती है।उन्हीं जीवाणुओं को प्राकृतिक खेती द्वारा सशक्त किया जाता है। साथ ही इन जीवाणुओं की संख्या प्राकृतिक खेती द्वारा बढ़ाई भी जा सकती है।

इस दौरान मंगला गुप्ता,मुमताज अली,मुन्नीलाल यादव,शंकरलाल प्रजापति,गणेश प्रजापति,शिवशंकर प्रजापति,अमरनाथ,मौनी,गुलाब काली और हाफिज उल्ला  आदि मौजूद रहे

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