प्रयागराज (राजेश सिंह)। गुरुवार को सबसे पहले जेल में बंद महिलाओं की मुलाकात उनसे मिलने आए उनके भाइयों से कराई गई। इसके बाद पुरुष बंदियों की मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह सात बजे से मुलाकात शुरू हुई जो सायं चार बजे तक चली। महिलाएं जेल में बंद अपने भाइयों से मिलकर भावुक हो गईं।
केंद्रीय कारागार नैनी में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं। सुबह से ही जेल के बाहर लंबी कतार लग गई थी। मुलाकात तीन शिफ्ट में कराई गई। हर शिफ्ट में तीन से चार सौ महिलाएं शामिल रहीं। इस बार नई व्यवस्था के तहत जेल प्रशासन द्वारा मुलाकात पर्ची का कोई शुल्क नहीं लिया गया। साथ ही महिलाओं को रोली, अक्षत, रक्षा सूत्र और दो लड्डू एक बंदी के लिए उपलब्ध कराया गया। हालांकि ज्यादातर महिलाएं सारा सामान अपने साथ लेकर आई थीं।
सबसे पहले जेल में बंद महिलाओं की मुलाकात उनसे मिलने आए उनके भाइयों से कराई गई। इसके बाद पुरुष बंदियों की मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह सात बजे से मुलाकात शुरू हुई जो सायं चार बजे तक चली। महिलाएं जेल में बंद अपने भाइयों से मिलकर भावुक हो गईं। मिठाई और खाने पीने की वस्तुएं तो जेल के अंदर ले जाने की अनुमति थी। बहनें तमाम गिफ्ट और कपड़े भाइयों के लिए लाई थीं।
जेल के गेट पर ही बंदियों का नाम लिखकर उसे जमा कर लिया गया। पैकेट को चेक के बाद संबंधित बंदियों के पास गिफ्ट पहुंचा दिए जाएंगे। जेल के भीतर कैंटीन में भी मिठाइयों की बिक्री हो रही थी। कई भाई और बहन दोनों जेल में बंद हैं। ज्यादातर दहेज के केस में ऐसा हुआ है। इनकी भी मुलाकात कराई गई। बताया जा रहा है कि करीब चार परिवार इस तरह के हैं जिनके भाई और बहन दोनों जेल में बंद हैं। नैनी जेल आने वाले किसी भी मुलाकाती को आज वापस नहीं किया गया। सभी की मुलाकात कराई गई।