खोल दी बाल अपचारी व दुष्कर्म पीड़िता की पहचान
प्रयागराज (राजेश सिंह)। कमिश्नरेट पुलिस के मीडिया सेल ने गुडवर्क को प्रसारित कराने के फेर में दुष्कर्म पीड़िता और बाल अपचारी, दोनों के नाम-पते सार्वजनिक कर दिए। बेशक पुलिस से ऐसा जानबूझकर तो कतई नहीं किया होगा, लेकिन अनजाने ही सही, किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) का उल्लंघन तो हो ही गया। जेजे एक्ट की धारा 74 के मुताबिक इस कृत्य के लिए छह माह की जेल और दो लाख रुपये जुर्माने तक की सजा सुनाई जा सकती है।
सजा बड़ी थी, इसलिए शंकरगढ़ थाने की पुलिस ने अपनी उपलब्धि माना। प्रयागराज पुलिस के मीडिया सेल ने इसकी विज्ञप्ति प्रेस को जारी कर दी, जिसमें दुष्कर्म पीड़िता से लेकर बाल अपचारी तक के नाम-पते ही नहीं, घरवालों को भी सार्वजनिक कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुमन कुमार यादव बताते हैं कि हाईकोर्ट ने बाल अपचारियों और उनके परिवार तक की पहचान को उजागर न करने का सख्त आदेश दे रखा है। किशोर न्याय अधिनियम के तहत बाल अपचारी का आपराधिक रिकार्ड संरक्षित किए जाने पर भी प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट भी शिल्पा मित्तल के मामले में इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी कर चुका है।