मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
आधुनिक तकनीक भ्रूण हत्या को बढ़ावा दे रही है। पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें और अल्ट्रासाउंड की मोबाइल अप्लीकेशन प्रमुख कारण हैं। तकनीक ने लिंग परीक्षण को इतना आसान बना दिया है कि डॉक्टर अस्पताल में ही नहीं बल्कि मरीजों के घर पर जाकर ही अल्ट्रासाउड कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि भ्रूण हत्या रोक पाना केंद्र व प्रदेश सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।एक ओर जहां सरकारें भ्रूण हत्या पर कानूनी रोक लगाई है।बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है।वहीं संबंधित इसे और बढ़ावा देने में दो कदम आगे निकल रहे हैं।धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक इसके काफी जिम्मेवार हैं।बताया जाता है कि सरकारी अस्पताल के प्रभारी द्वारा इसे बढ़ावा देने में बढ़िया कमीशन खोरी की जा रही है। बताते हैं कि मेजा क्षेत्र में 2 दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड सेंटर अवैध रूप से संचालित किए जा रहे हैं।कई सेंटर ऐसे हैं जिनका कभी लाइसेंस बना ही नही है,फिर भी सीएचसी के अधीक्षकों की मिली भगत से फल फूल रहे हैं।एक समय रहा जब सरकार द्वारा कानून बनाकर अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया गया था।तब भ्रूण हत्या में काफी कमी आई थी,लेकिन सफलता न मिलने से एक बार फिर पुराने ढर्रे पर चल पड़ा है। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉक्टर ओमप्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है।शिकायत मिलने पर जांच कराई जायेगी।जांच में सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।