मिर्जापुर (राजेश सिंह)। विंध्य कॉरिडोर की भव्यता के बीच शारदीय नवरात्र में माता विंध्यवासिनी का दरबार रंग-बिरंगे फूलों के अलावा थाईलैंड के आर्किड फूलों से सजाया जाएगा। फूलों के रंग और सुगंध श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगे। चेन्नई, देहरादून, बंगलुरू और कोलकाता से फूलों के साथ आए कारीगर सजावट की तैयारियों में जुटे हैं। कोलकाता से रंग-बिरंगे गेंदा व सन फ्लावर से जहां मंदिर को सजाया जा रहा है।
वहीं बंगलुरू के गुलाब, चेन्नई व देहरादून के हर्नीसन के अलावा दिल्ली के स्टार व लिल्ली के फूलों से मां विंध्यवासिनी मंदिर का प्रमुख गेट तैयार किया जाएगा। जो न्यू वीआईपी व सदर कोतवाली मार्ग से मंदिर में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। मंदिर परिसर में लगे ऐसे फूल पूरे नवरात्र तरोताजा बने रहेंगे। विंध्यवासिनी धाम में नवरात्र के दौरान लाखों श्रद्धालु मां का दर्शन करने आते हैं। मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के बाद अष्टभुजा और काली खोह दर्शन करने जाते हैं।
विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के बीच शारदीय नवरात्र मेले को लेकर तीन लाख नारियल की खेप मंगाई गई है। पिछले दिनों से अब तक विंध्याचल में दस ट्रक नारियल मंगाई जा चुकी है। ट्रक में छह सौ बोरियां मौजूद रहती हैं। प्रत्येक बोरी में 50 नारियल रहते हैं। पिछले चैत्र नवरात्र में दो-चार ट्रक ही नारियल मंगाए गए थे। इस बार विंध्य धाम में दुकानदारों और व्यापारियों में उत्साह देखा जा रहा है। माला-फूल से लेकर नारियल और चुनरी बेचने वाले थोक और फुटकर विक्रेता तक तैयारियों में जुटे हुए हैं।
मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में स्टील की रेलिंग लगाने का काम पूरा हो गया है। इधर-उधर से रेलिंग में कोई प्रवेश न करने पाए, सुरक्षा के लिए लिहाज से मोजो बैरिकेडिंग भी कराई जा रही है। इसके तहत अस्थाई रूप से लोहे के पतले राड लगाए जा रहे हैं। ताकि अगल-बगल से कोई भी व्यक्ति अनधिकृत रूप से प्रवेश न करने पाए। यह व्यवस्था सुविधा सिर्फ विंध्य कॉरिडोर के तहत मंदिर परिसर के अंदर होगी। न्यू वीआईपी, जैपुरिया गली व सदर कोतवाली मार्ग से आने वाले श्रद्धालु सीधे गर्भगृह अथवा झांकी दर्शन के लिए पहुंचेंगे।
विंध्याचल नवरात्र मेला में इस बार श्रद्धालुओं के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पूरे मेला क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीमें लगाई गई हैं। पूरे मेला क्षेत्र में सीएचसी समेत 12 स्थानों पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 45 चिकित्सक, 47 पैरा मेडिकल स्टाफ समेत 127 लोगों की ड्यूटी लगाई गई है। टीमों की निगरानी के लिए नौ लोेगाें को लगाया गया है। इनके अलावा सीएमओ और एसीएमओ भी निगरानी करेंगे।
एसीएमओ डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि मेला क्षेत्र में दो मेडिकल मोबाइल यूनिट तैनात की गई है। वैन में चलने वाली मेडिकल मोबाइल टीम में एक चिकित्सक, फार्मासिस्ट व लैब टेक्नीशियन मौजूद रहेंगे। मेडिकल मोबाइल यूनिट पूरे मेला क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों का इलाज करेगी। एबुलेंस के मैनेजर आकाश गौरव तिवारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में चार एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहेंगे। इनमें दो विंध्याचल के पास, एक अष्टभुजा और एक काली खोह मंदिर के पास रहेगी।
नवरात्र मेला के दौरान विंध्य क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। नवरात्र के दौरान मेला क्षेत्र में 24 घंटे साफ-सफाई की रणनीति तैयार की गई है। आठ-आठ घंटे के तीन शिफ्ट में 160 सफाई कर्मचारी लगातार मेला क्षेत्र में सफाई करेंगे। सामान्य दिनों में विंध्याचल वार्ड में 35 सफाई कर्मचारियों की तैनाती होती है, लेकिन नवरात्र मेला के दौरान दर्शनार्थियों की आने वाली बड़ी संख्या को देखते हुए सफाईकर्मियों की संख्या में वृद्धि की गई है। इनके अलावा अतिरिक्त कर्मचारियों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। यदि आवश्यकता पड़ती है तो उनकी भी ड्यूटी लगाई जा सकती है। विशेष रूप से सप्तमी व अष्टमी तिथि को ज्यादा भीड़ होने की संभावना को देखते हुए यह तैयारी की गई है।