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प्रयागराज में 50 फीसदी से अधिक डेयरियां अवैध

SV News

की जाएंगी बाहर, नगर निगम ने थमाया नोटिस

प्रयागराज (राजेश सिंह)। शहर में 50 फीसदी से अधिक डेयरियां अवैध तरीके से संचालित हैं। उन्होंने सरकारी या अन्य खाली स्थान पर कब्जा करके पशु पाल रखे हैं। प्रारंभिक सर्वे में यह सच सामने आने के बाद नगर निगम प्रशासन ने पहले ऐसी डेयरियों को हटाने की योजना बनाई है। इसके तहत 20 डेयरी संचालकों को नोटिस भेजकर पशुओं को हटाने के लिए कहा गया है। तय समय सीमा में पशु नहीं हटाने पर उन्हें जब्त कर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सभी डेयरियों को कैटल कॉलोनियों में शिफ्ट किया जाना है। महापौर की अगुवाई में पिछले दिनों हुई बैठक में इस बाबत कई निर्णय लिए गए। इसी क्रम में डेयरियों का सर्वे कराया जा रहा है। ताकि, पशुओं की संख्या के हिसाब से उन्हें जगह आवंटित की जा सके।
प्रारंभिक सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी से अधिक डेयरियां ऐसी हैं जो संचालित तो शहर में हो रही हैं, लेकिन संचालक कहीं और के हैं। उन्होंने सरकारी या अन्य खाली जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है। निगम की ओर से इन डेयरियों को अवैध मानते हुए हटाने का नोटिस दिया जा रहा है। पशुधन अधिकारी डॉ. विजय अमृत राज का कहना है कि अब तक ऐसे 20 संचालकों को नोटिस दिया गया है।
डेयरियों एवं पशुओं की संख्या के लिहाज से कैटल कॉलोनियों में पर्याप्त जगह नहीं है। दो जगहों पर नई कैटल कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके बावजूद सभी डेयरियों को जगह दे पाना आसान नहीं होगा। ऐसे में अवैध डेयरियों को बाहर करने में सफलता मिल गई तो कैटल कॉलोनियों में स्थान को लेकर दबाव कम होगा।
पहले चरण में पुराने और अपनी जगह पर डेयरी चलाने वालों को ही कैटल कॉलोनियों में जगह दी जाएगी। इसे ध्यान में रखकर ऐसे डेयरी संचालकों की सूची तैयार की जा रही है। वहीं, विस्तारित क्षेत्रों में अभी जगह है। इसलिए विस्तारित क्षेत्रों में भीड़भाड़ वाले इलाकों को छोड़कर अन्य जगह की डेयरियों को फिलहाल कैटल कॉलोनियों में शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
अभी नैनी और फाफामऊ में कैटल कॉलोनी है। झलवा और झूंसी में भी कैटल कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नजूल की जमीनें देखी गई हैं। सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद निर्णय होगा कि कैटल कॉलोनी के लिए कौन सी जमीन मुफीद है।
नगर निगम के पशुधन विभाग ने पशुओं की धड़पकड़ के साथ उनकी नीलामी भी शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को एक पड़िया समेत 10 पशुओं की नीलामी की गई। नीलाम होने वाले जानवरों में घोड़ा, घोड़ी, खच्चर, घोड़ी का बच्चा एवं पड़िया शामिल हैं। इनकी नीलामी 64 हजार रुपये में हुई। वहीं, करीब डेढ़ महीने पहले दो सूअरों की नीलामी हुई थी। घोड़ा तथा पड़िया की नीलामी लंबे समय बाद हुई है। पशुधन अधिकारी का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।

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