परेड की चौड़ी होंगी सड़कें
प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ के तहत सड़क और सेतु परियोजनाओं को समय रहते पूरा कराना चुनौती साबित हो रहा है। वजह है सेना की भूमि का हस्तांतरण न हो पाना। कई सेतु परियोजनाओं के लिए एनओसी न मिल पाने की वजह से अभी काम शुरू नहीं हो सका है। इसके लिए सेना के साथ प्रशासन की शुक्रवार को समन्वय बैठक हुई। इसमें चौफटका सेतु के लिए सेतु निगम की ओर से 74 करोड़ रुपये देने होंगे। इसके बाद एनओसी का रास्ता साफ हो सकेगा।
इसी तरह सेना की भूमि पर प्रस्तावित सेतु और सड़क परियोजनाओं की एनओसी के लिए पोर्टल पर आवेदन करने के लिए कहा गया। महाकुंभ के तहत मनकामेश्वर महादेव, बिंदु माधव समेत चार मंदिरों का कायाकल्प होना है। अनंत माधव और अलोप शंकरी मंदिरों के सौंदर्यीकरण के साथ ही इनसे जुड़े मार्गों का चौड़ीकरण भी कराया जाएगा। सब एरिया में हुई समन्वय बैठक में संगम को जोड़ने वाली परेड स्थित जीटी जवाहर, काली मार्ग, लाल मार्ग के अलावा त्रिवेणी मार्ग के भी चौड़ीकरण की परियोजनाओं पर काम शुरू करने के लिए सेना की सहमति पर विस्तार से चर्चा की गई।
कुल 29 परियोजनाओं पर भूमि हस्तांतरण और एनओसी के लिए मंथन किया गया। सेना के अफसरों ने इस मामले में पोर्टल पर एनओसी के लिए आवेदन करने के लिए कहा, ताकि प्रक्रिया पूरी कराई जा सके। सेना की एनओसी न मिलने की वजह से कुंभ की कई सेतु परियोजनाएं पिछड़ी हुई हैं। सबसे अहम सेतु परियोजना चौफटका की है। इसके लिए भी अभी तक एनओसी नहीं मिल सकी है।
इसके लिए सेतु निगम को 74 करोड़ रुपये भुगतान करने होंगे। जब तक एनओसी नहीं मिल जाएगी, तबतक सेतु निगम सरकार की भूमि वाले हिस्से में ही काम कराएगा। भीड़ प्रबंधन के साथ ही संतों-भक्तों को कुंभ का सुखद अनुभव दिलाने के लिए इन परियोजनाओं को पूरा कराना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। सेना के अफसरों ने प्रक्रिया के साथ एनओसी जारी कराने का भरोसा दिलाया है, ताकि महाकुंभ की परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा सके।