पुलिस का सराहनीय क़दम, सैकड़ों बच्चों को साइबर क्राइम से बचाव को लेकर बताए गए तरीके
प्रयागराज (राजेश सिंह)। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के निर्देशन में साइबर अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस उपायुक्त नगर व अपर पुलिस उपायुक्त अपराध/नोडल अधिकारी साइबर सेल व सहायक पुलिस आयुक्त झूंसी के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष उपेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में थाना झूंसी के साइबर हेल्प डेस्क व साइबर क्राइम थाना प्रयागराज की संयुक्त टीम द्वारा गुरुवार को न्यू आरएसजे पब्लिक स्कूल झूंसी के विद्यार्थियों (लगभग 1500 विद्यार्थी) को साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया गया। विद्यार्थीयों को एवं स्कूल स्टाफ को साइबर अपराध व उनसे बचाव की बारीकियों से अवगत कराया गया साथ ही वर्तमान में हो रहे साइबर अपराध जैसे फाइनेंसीयल फ्राड, लोन फ्राड, सेक्सटार्शन, सोशल मीडिया फ्राड, व्हाट्सअप पिंक, जाब टास्क फ्राड, एआई रिलेटेड फ्राड आदि की विस्तृत जानकारी दी गयी व वर्तमान में सबसे ज्यादा हो रहे टेलिग्राम फ्राड के बार में जय प्रकाश सिंह साइबर एक्सपर्ट प्रयागराज द्वारा बताया गया कि आनलाइन फ्राड के तरिके हजार है सिर्फ जागरूकता ही बचाव है। इन्हीं तरीकों में से आज कल साइबर फ्राड करने वालों ने टेलीग्राम टास्क साइबर ठगी का सबसे बड़ा जरिया बना लिया है। लालच और ज्यादा कमाई के चक्कर में फंसकर पढ़े लिखे लोग लाखों गंवा रहे हैं। ठग अपने शिकंजे में लोगों को फंसाने के लिए टेलीग्राम के जरिए संपर्क करते हैं। लिंक शेयर कर ज्यादा लाइक और शेयर करने का टास्क देते हैं। बदले में कुछ कमाई भी करवाते हैं और आपके बैंक खातों में ट्रांसफर भी करते हैं। शुरूआत में जब पैसे मिलते है तो लगता है सब सही है पैसे की कमाई हो रही है और बस यहीं से आपका लालच आपको उनके जाल में फंसा देता है।
पहले आपको वीडियो लाइक और शेयर करने का भुगतान करेगें। फिर टेलिग्राम के माध्यम किसी बेबसाइट पर आपका रजिस्ट्रेशन करायागें । अब वह आपसे निवेश कराकर कुछ टास्क कराएंगे। आपकी रकम भी आपको बढ़ती हुई दिखाएंगे क्योंकि वेबसाइट या एप उन्ही के द्वारा बनाया गया है और आपको झांसे में लेने के लिय आपकी रकम बढ़ा कर दिखा देते है । लेकिन आप की बढ़ी हुई राशि बैंक में अटकने या अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए आपको आपकी रकम ट्रांसफर नहीं करते हैं बदले में शातिर आपकी राशि ट्रांसफर करने के लिए और रुपये की मांग करते हैं। जब तक आपको पता चलता है तब बहुत देर हो चुकी होती है। टेलीग्राम ऐप पर साइबर ठग सक्रिय हैं। यहां से ठगी के नए-नए जाल बिछाए जाते हैं। डिजिटल मार्केटिंग और वर्क फ्रॉम होम से ठगी की जा रही है। अधिकतर मामलों में ठगी की रकम लाखों में है। इसमें पढ़े लिखे लोगों को सबसे आसानी से फंसाया जा रहा है। वर्क फ्रॉम होम और अधिक कमाई का लालच लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है। सबसे पहले ठग टेलीग्राम यूजर्स की तलाश करते हैं और फिर उनको अलग-अलग लालच देकर अपने जाल में फंसाकर ठगी की घटनाएं की जातीं हैं।
आनलाइन ठगी का लालच
– ऑनलाइन जॉब या पार्टटाइम जॉब का लालच देना
– कमीशन का लालच देकर रुपए ट्रांसफर करवाना
– क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर पैसे जमा कराना
– टेलीग्राम पर फर्जी ट्रेडिंग चैनल बनाकर निवेश करवाना
– लाभ दिखाकर पैसे फर्जी बैंक खातों में जमा करवाना
– प्रोडक्ट की रेटिंग बढ़ाने के नाम पर पैसे जमा करवाना
– 21 दिन में पैसा डबल करना
आदि साइबर अपराध से बचाव के लिये साइबर अवयेरनेस के पम्पलेट बाटें गये और यदि किसी के साइबर फ्राड हो जाये तो भारत सरकार द्वारा जारी साइबर क्राइम हेल्प लाईन नंबर 1930 व www.cybercrime.gov.in की जानकारी डेमो दिखाकर दिया गया।
विद्यार्थियों व विद्यालय के स्टाफ द्वारा साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने वाले उपनिरीक्षक नवीन कुमार सिंह, कम्प्यूटर आपरेटर मनोज कुमार यादव, कांस्टेबल धीरेन्द्र कुमार, महिला कांस्टेबल गीता यादव थाना झूंसी व कम्प्यूटर आपरेटर जय प्रकाश साइबर क्राइम को धन्यवाद दिया तथा झूंसी पुलिस व साइबर हेल्प डेस्क थाना झूंसी के प्रति आभार व्यक्त किया। अगर किसी व्यक्ति के साथ आनलाइन फ्राड होता है तो उस व्यक्ति को 1930 पर 24 घण्टे के अन्दर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गयी और अगर 24 घण्टे के ऊपर हो गये है तो www.cybercrime.gov.in पर कम्प्लेन दर्ज कराया जा सकता है।