संगम समेत सभी घाटों पर महिलाओं की उमड़ी भीड़
प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगम समेत गंगा और यमुना के घाटों पर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती महिलाओं की भारी भीड़ जुटी। दोपहर बाद से ही संगम पर व्रती महिलाएं पहुंचने लगी थीं। पूरा घाट खचाखच भरा था। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया था। घाटों पर विधि विधान से महिलाओं ने पूजा अर्चना कर भगवान सूर्य की आराधना की। दिन पूजन सामग्री की खरीदारी की गई। इसके चलते शहर में फल और सब्जियों की दुकानों पर भारी भीड़ रही।
मान्यता है कि डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में आर्थिक, सामाजिक, मानसिक, शारीरिक रूप से होने वाली हर प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं। इसके बाद अगले दिन उगते हुए सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य बेहतर होता है। सोमवार को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत पूर्ण होगा।
रविवार को व्रत रहने वाली महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया की पूजा अर्चना की। यमुना नदी के सुजावनदेव घाट पर दोपहर से ही लोगों की भारी भीड़ जुटने लगी। सूर्य अस्त से पूर्व ही यमुना नदी में घुसकर महिलाएं छठी मैया के गीत गा रही थीं। जैसे से सूर्य अस्त होने को हुए। छठी मैया के जैकारे से पूरा यमुना घाट गूंज उठा। इस अवसर पर व्रती महिलाओं के साथ उनके परिवारजन और अन्य लोग भी उपस्थित रहे। यमुना घाट पर पुलिस की भी चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। छठ महापर्व पर इफको फूलपुर कालोनी स्थित जलाशय पर जुटीं व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में इफको कालोनी की व्रती महिलाएं, पुरूष और बच्चों की भीड़ रही।
नहाय खाय से शुरू होने वाली डाला छठ शुक्रवार से शुरू हुआ। इफको फूलपुर की घियानगर कालोनी में भी इस पर्व का बड़ा महत्व है। प्रत्येक वर्ष की तरह यहां व्रती महिलाओं ने रविवार को ढलते सूर्य को अर्ध्य देकर आशीष मांगा। सोमवार को प्रात: व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्ध्य देकर पारण करेंगी। यहां व्रत रखने वाली महिलाओं के मुताबिक नहाय खाय के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं नदी या तालाब में स्नान करती हैं तथा नई फसल के चालव का भात, चना दाल और खासकर लौकी का प्रसाद बनाकर ग्रहण करती हैं।
प्रसाद भोजन बनाते समय स्व्च्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। उनका कहना है कि यह व्रत रखने से भारी पुण्य मिलता है। रविवार को ढलते सूर्य को अर्ध्य देने के दौरान इफको के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया भी सपत्नीक मौजूद रहे।