प्रयागराज (राजेश सिंह)। जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में विस्फोट में फांसी की सजा पाए बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को कड़ी सुरक्षा के बीच नैनी जेल लाया गया। यहां उन्हें हाईसिक्योरिटी बैरक में सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। साथ ही सेल में बॉडी वार्न कैमरे से लैश सिपाहियों को लगाया गया है। नैनी जेल में पहले से कश्मीरी और बांग्लादेशी आतंकी बंद हैं। दोनों दिन भर गुमशुम रहे। दोनों को नियमानुसार भोजन दिया गया, लेकिन दोनों ने खाना नहीं खाया।
केंद्रीय कारागार नैनी में सजा पाने के बाद पहुंचे दोनों आतंकियाें को हाईसिक्योरिटी सेल में शिफ्ट किया गया। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे से उनपर नजर रखी जा रही है। साथ ही सेल में जेल सिपाही व लंबरदारों की ड्यूटी लगाई है। जेल में बॉडी वार्न कैमरे से लैश सिपाही भी सेल की सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए हैं। जेल अधिकारी भी लगातार उनकी गतिविधियों में नजर बनाए हैं। सजा पाने के बाद से ही दोनों आतंकी काफी गुमशुम हैं।
28 जुलाई 2005 को सिंगरामऊ व हरिहरपुर स्टेशन के बीच हरपालगंज क्रासिंग पर आतंकवादियों ने बम विस्फोट किया था। मामले में नामजद रोनी उर्फ आलमगीर ओवैदुर्रहमान उर्फ बाबू भाई को 2016 में न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को बुधवार को फांसी की सजा सुनाई गई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि दोनों को सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल में रखा गया है।