नैनी, प्रयागराज (केएन शुक्ल घंटी)। 11 दिसंबर 2023 को नवाबगंज थाने में यह मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें रामसेवक सरोज को नामजद किया गया था जबकि, उसके अज्ञात साथी भी आरोपी बनाए गए थे। इसमें प्रार्थना के नाम पर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने, हत्या का प्रयास, रंगदारी मांगने व गालीगलौज के आरोप लगाए थे।
नैनी स्थित सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस (शुआट्स) के कुलपति प्रो. आरबी लाल के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। धर्म परिवर्तन, रंगदारी के एक अन्य मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है। नवाबगंज में दर्ज मुकदमे में विवेचना के दौरान उनका नाम प्रकाश में आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। नवाबगंज पुलिस ने इस मुकदमे में उनका रिमांड भी बनवाकर वारंट नैनी जेल में तामील करवा दिया है।
11 दिसंबर 2023 को नवाबगंज थाने में यह मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें रामसेवक सरोज को नामजद किया गया था जबकि, उसके अज्ञात साथी भी आरोपी बनाए गए थे। इसमें प्रार्थना के नाम पर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने, हत्या का प्रयास, रंगदारी मांगने व गालीगलौज के आरोप लगाए थे। पुलिस ने रामसेवक को एफआईआर दर्ज होने के बाद ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि रामसेवक कुलपति आरबी लाल का सहयोगी था और उसके ही इशारे पर काम करता था।
आरोपी के बयान से भी पुलिस के हाथ कई अहम तथ्य सामने आए। विवेचना में मिले तथ्यों के आधार पर संलिप्तता पाते हुए आरबी लाल का नाम भी प्रकाश में लाया गया और उसे भी मुकदमे में आरोपी बनाया। बृहस्पतिवार को नवाबगंज पुलिस ने इस मुकदमे में आरोपी का रिमांड बनवाया और इसके बाद वारंट नैनी जेल में तामील करवा दिया।
जिस मुकदमे में यह कार्रवाई हुई, वह युवा विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव कुमार निवासी नौगवां का पूरा, अटरामपुर नवाबगंज ने लिखाया था। उसने आरोप लगाया था कि 10 दिसंबर को वह अपने साथी विनोद गौड़ निवासी बुदौना कौड़िहार के साथ पार्टी के काम से ग्राम पचदेवरा गया था। शाम सात बजे के करीब यीशू दरबार का संचालक रामसेवक अपने साथियों के साथ उसे मिला और कहने लगा कि बड़े नेता बनते हो और मेरा विरोध करते हो। विरोध करने पर गालियां देने लगा और बोला कि मैं दरबार संचालित कर रहा हूं, अगर तुम्हें ज्यादा दिक्कत हो तो तुम भी साथ में आ जाओ।
विरोध करने पर जान से मारने की नीयत से फायर किया जिसमें वह बाल-बाल बच गया। इसके बाद आरोपी ने भागते हुए कहा कि जान बचाना चाहते हो तो एक लाख रुपये पहुंचा दो। वादी का यह भी आरोप है कि रामसेवक हिंदुओं का प्रार्थना के नाम पर अवैध रूप से धर्मांतरण कराता है। अंधविश्वास फैलाकर लोगों को कैंसर जैसी असाध्य बीमारी को ठीक करने की गारंटी लेता है जिससे कई लोग असमय जान भी गंवा रहे हैं।
यह 30वां मुकदमा है जिसमें शुआट्स वीसी आरोपी बनाए गए हैं। उन पर पहला मुकदमा 1998 में दर्ज हुआ। चार साल पहले भी 22 करोड़ के गबन के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। 1998 में पहला मुकदमा नैनी थाने में गालीगलौज व धमकी देने के आरोप में दर्ज हुआ। 2011 में हत्या के प्रयास, साक्ष्य छिपाने व आपराधिक षडयंत्र में शामिल होने के मुकदमे में उन्हें आरोपी बनाया गया।