प्रयागराज (राजेश सिंह)। हॉस्टल के छात्र के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार के मामले में इलाहाबाद विश्विद्यालय के लाइब्रेरी गेट पर छात्रों का धरना प्रदर्शन सोमवार को सातवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। छात्रों का कहना है कि जब तक चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश सिंह, डॉ.मृत्युंजय राव परमार, डॉ. अतुल नारायण सिंह, डॉ. विवेक द्विवेदी को बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
विश्वविद्यालय के छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। आंदोलन को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है। सोमवार को आंदोलनकारी छात्रों ने एक अपील भी जारी की और प्रॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग की। साथ ही चीफ प्रॉक्टर समेत अन्य अधिकारियों का स्क्रेच भी जारी किया गया है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने रविवार की सुबह लाइब्रेरी गेट पर धरना दे रहे छात्रों को जबरदस्ती हटा दिया था। उन्होंने दरी-गद्दे आदि हटा दिए। इस दौरान गार्ड एवं छात्रों के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। बाद में बड़ी संख्या में पहुंचे छात्रों ने फिर धरना शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय के छात्र अभिषेक गुप्ता के साथ 29 जनवरी को प्रॉक्टर कार्यालय में मारपीट हुई थी। इसके विरोध में छात्र 30 जनवरी से लाइब्रेरी गेट पर धरना दे रहे हैं।
आरोप है कि रविवार की सुबह करीब आठ बजे पहुंचे सुरक्षा कर्मियों ने धरना दे रहे छात्रों को हटने के लिए कहा। छात्रों ने विरोध किया तो सुरक्षा कर्मियाें ने जबरदस्ती हटा दिया था। उस समय छात्रों की संख्या कम थी। ऐसे में सुरक्षा कर्मियों ने गद्दा-दरी आदि सामान भी हटा दिए। आरोप है कि विरोध कर रहे दिव्यांग छात्र नेता सुधीर को सुरक्षा कर्मियों ने उठाकर किनारे कर दिया। इसकी सूचना मिलने के बाद और भी छात्र वहां पहुंच गए और धरने पर बैठ गए थे।
सुरक्षा के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने मुख्य गेट की जाली पर लोहे की शीट लगवा दी है। इससे गेट में ताला लगाना भी आसान होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसी तरह की चादर छात्रसंघ भवन गेट पर भी लगाई गई है। इसके विपरीत छात्र नेताओं का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन गेट को स्थायी तौर पर बंद करने की कवायद कर रहा है।