विशेष आराधना कर कमाया पुण्य, सुरक्षा व्यवस्था रही दुरूस्त
मिर्जापुर (राजेश सिंह)। गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन विंध्याचल धाम स्थित मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन-पूजन करने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रविवार को भक्तों ने विधि-विधान से मां के चरणों में मत्था टेककर सुख और समृद्धि की कामना की। देवी के पूजन-अर्चन का भोर से शुरू हुआ सिलसिला देर रात तक अनवरत चलता रहा। घंटा, शंख व माता के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा था। देवी उपासकों के लिए गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व बताया गया है। साधक लोग इन नौ दिनों में मां विंध्यवासिनी देवी का पूजन, यज्ञ-अनुष्ठान नवरात्र की तरह ही करते हैं।
इस बार आषाढ़ मास का गुप्त नवरात्र 6 जुलाई से 15 जुलाई तक प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जा रहा है। विंध्याचल के पावन दरबार में वर्तमान समय में कई यज्ञ और अनुष्ठान चल रहे हैं तथा मां के दर्शन के लिए मंदिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
इसी प्रकार का माघ मास में प्रतिपदा से नवमी पर्यंत नौ दिवसीय अनुष्ठान होता है तथा चैत्र एवं आश्विन मास में प्रत्यक्ष नवरात्र मनाया जाता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष में शाकंभरी नवरात्र तांत्रिक लोग मनाते हैं।
धर्मगुरु तियोगी नारायण मिश्र ने बताया कि चैत्र मास के नवरात्र को वासंतिक, आश्विन नवरात्र को शारदीय, आषाढ़ मास के नवरात्र को आषाढीय तथा पौष मास के नवरात्र को शाकंभरी नवरात्र एवं माघ मास में माघी नवरात्र मनाया जाता है। गुप्त नवरात्र में साधक गण आराधना विशेष रूप से करते हैं। गुप्त नवरात्र में देवता, गंधर्व, यक्ष एवं किन्नर सभी लोग देवी की आराधना करते हैं। उनके साथ-साथ अब मानव समाज में भी इसका प्रचलन जोरों से बढ़ रहा है।
नवरात्र की तरह ही सब विधि-विधान गुप्त नवरात्र में भी किया जाता है तथा भक्तों को इसका फल भी उसी प्रकार से प्राप्त होता है। रविवार को मां विंध्यवासिनी देवी का विधिवत दर्शन-पूजन करने के लिए हजारों नर-नारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने माला-फूल, चुनरी सहित प्रसाद आदि चढ़ाकर भक्ति-भाव से शीश झुकाया। मंदिर में भारी भीड़ के चलते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे।