प्रयागराज (राजेश सिंह)। कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे चिकित्सकों ने सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही बहाल रखीं। हालांकि मेडिसिन, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी सहित कुछ ओपीडी चलीं, लेकिन यहां पर नए की जगह रूटीन मरीजों को ही देखा गया।
कोलकाता की घटना से नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों ने पांचवें दिन भी हड़ताल जारी रखी। इसकी वजह से भदोही, सोनभद्र, चित्रकूट, जौनपुर, बांदा, प्रतापगढ़ व कौशाम्बी सहित कई जिलों के करीब 1800 मरीजों को लौटना पड़ा। शुक्रवार को यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, हड्डी रोग, सर्जरी, ईएनटी, स्त्री रोग, पल्मोनरी, कैंसर सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी में इक्का-दुक्का छोड़ कोई ओटी नहीं हो सकी।
कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे चिकित्सकों ने सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही बहाल रखीं। हालांकि मेडिसिन, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी सहित कुछ ओपीडी चलीं, लेकिन यहां पर नए की जगह रूटीन मरीजों को ही देखा गया। वहीं, ओटी और ओपीडी के अलावा डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन व एमआरआई की गिनी-चुनी जांचें ही हो सकीं। इसमें भी अधिकतर भर्ती मरीज या फिर वीआईपी शामिल रहे। जूनियर और सीनियर रेजिडेंट ने साढ़े नौ बजे स्वरूप रानी चिकित्सालय और पीएमएसएसवाई बिल्डिंग का रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद करा दिया। इस दौरान सौ से कम पर्चे ही बन सके थे।