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पश्चिम की बारिश का असर, फिर उफान पर हुई गंगा-यमुना, किनारे वाले लोगों की बढ़ी मुश्किलें

SV News

24 घंटे में करीब तीन मीटर बढ़ा जलस्तर

प्रयागराज (राजेश सिंह)। पश्चिमी यूपी और पहाड़ पर हुई बारिश का असर संगम नगरी में दिख रहा है। यहां गंगा और यमुना का जलस्तर 24 घंटे में करीब तीन मीटर बढ़ गया है। इससे घाट पर बसे पंडे सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंच गए। श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से महाकुंभ की तैयारी भी प्रभावित हो रही है। तीन-चार दिनों से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में बारिश हो रही है। बारिश का पानी गंगा और यमुना के जरिये प्रयागराज पहुंचा तो नदियाें का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इस साल गंगाजी ने दूसरी बार श्री बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया।
सुबह आठ बजे नैनी में यमुना का जलस्तर 79.35 मीटर था, जो रात आठ बजे 1.93 मीटर बढ़कर 81.28 मीटर हो गया है। ऐसे ही छतनाग घाट पर सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 78.10 मीटर था। रात आठ बजे वहां का जलस्तर 1.97 मीटर बढ़कर 80.07 मीटर हो गया है। इसके सापेक्ष फाफामऊ में 12 घंटे में 39 सेंटीमीटर ही बढ़ोतरी हुई है।
सिंचाई विभाग की टीम ने बताया कि यमुना की सहायक नदियों केन और बेतवा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बढ़ते जलस्तर की लगातार निगरानी हो रही है। आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।
शनिवार को सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 80.55 मीटर दर्ज किया गया। छतनाग में 81.19 मीटर रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह यमुना के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। नैनी में यमुना का जलस्तर 82.67 मीटर दर्ज किया गया। प्रयागराज में गंगा के खतरे का चेतावनी बिंदु 84.73 मीटर है। फिलहाल दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं।

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