प्रयागराज (राजेश सिंह)। मां गंगा शुक्रवार देर रात को श्री बड़े हनुमान मंदिर में फिर प्रवेश कर गईं। लगातार बढ़ रहे जलस्तर के बाद गंगाजी के मंदिर में प्रवेश करते ही हर हर महादेव, जय बजरंग बली और जय मां गंगे के जयकारे गूंजने लगे। महंत बलवीर गिरि ने विधि विधान में मां गंगा की पूजा की और उसके बाद आरती उतारी। यह दृश्य देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
लगातार बढ़ रहीं गंगा ने शुक्रवार को श्री बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर हनुमानजी को स्नान कराया। मंदिर के दरवाजा पर पहुंचने पर महंत बलवीर गिरि महाराज ने मां गंगा का स्वागत किया और विधि विधान से पूजा कर गंगा आरती की। इसके बाद मां गंगा ने मंदिर में प्रवेश किया। देखते ही देखते पूरा मंदिर लबालब हो गया। गंगा मां की जै के जयकारे गूंजते रहे। अब श्री बड़े हनुमानजी के विग्रह की पूजा श्री राम जानकी मंदिर में स्थापित कर नियमित पूजा अर्चना की जाएगी।
पश्चिम की बारिश का असर, 12 घंटे में करीब दो मीटर बढ़ा जलस्तर
पश्चिमी यूपी और पहाड़ पर हुई बारिश का असर संगम नगरी में दिख रहा है। यहां गंगा और यमुना का जलस्तर 12 घंटे में करीब दो मीटर बढ़ गया है। इससे घाट पर बसे पंडे सामान समेटकर लेटे हनुमान मंदिर के निकट पहुंच गए। वहीं, श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से महाकुंभ की तैयारी भी प्रभावित हो रही है।
तीन-चार दिनों से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में बारिश हो रही है। बारिश का पानी गंगा और यमुना के जरिये प्रयागराज पहुंचा तो नदियाें का जलस्तर अचानक बढ़ गया।
सुबह आठ बजे नैनी में यमुना का जलस्तर 79.35 मीटर था, जो रात आठ बजे 1.93 मीटर बढ़कर 81.28 मीटर हो गया है। ऐसे ही छतनाग घाट पर सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 78.10 मीटर था। रात आठ बजे वहां का जलस्तर 1.97 मीटर बढ़कर 80.07 मीटर हो गया है। इसके सापेक्ष फाफामऊ में 12 घंटे में 39 सेंटीमीटर ही बढ़ोतरी हुई है।
सिंचाई विभाग की टीम ने बताया कि यमुना की सहायक नदियों केन और बेतवा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बढ़ते जलस्तर की लगातार निगरानी हो रही है। आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।
महाकुंभ के लिए जमीन के सर्वे का भी काम रूका
बार-बार गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से महाकुंभ की तैयारी पर असर पड़ रहा है। अगस्त के पहले हफ्ते में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा था। सात अगस्त को लेटे हनुमान मंदिर को गंगाजी ने स्नान करवा दिया था। हफ्ते भर बाद जलस्तर कम हुआ। इसके बाद मेला प्राधिकरण ने समतलीकरण का काम शुरू करने की तैयारी बना ली थी।इसी बीच फिर से जलस्तर बढ़ गया।
बार-बार जलस्तर बढ़ने से मेला प्राधिकरण की टीम टेंट सिटी बसाने, शिविर लगाने आदि के लिए जमीन के सर्वे का भी काम नहीं कर पा रही है। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि अस्थायी कार्यों के लिए तैयारी पूरी है लेकिन जलस्तर बढ़ने से टीम कुछ नहीं कर पा रही है।