प्रयागराज (राजेश सिंह)। शहर के अतरसुइया स्थित जामिया हबीबिया मस्जिद ए आजम मदरसा कमेटी ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को अपना जवाब भेज दिया है। पीडीए ने मदरसा कमेटी को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न मदरसे को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया जाए। पीडीए की नोटिस में लिखा गया है कि मदरसा का नक्शा पास नहीं है। निर्माण से पहले की अनुमति में खानापूर्ति की गई है। दस्तावेज में मदरसे का 2700 स्क्वायर फीट वर्गगज का निर्माण अवैध मिला है। पीडीए ने नोटिस जारी कर 18 सितंबर तक जवाब मांगा था। बृहस्पतिवार को कमेटी ने पीडीए को जवाब देने के साथ ही बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी चिट्ठी भेजी है।
नकली नोट छापने की फैक्टरी का भंडाफोड़ होने के बाद चर्चा में आए जामिया हबीबिया मस्जिद ए आजम मदरसे पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल मदरसे को सील कर दिया गया है। मदरसे के अंदर छानबीन के दौरान कई आपत्तिजनक साहित्य भी बरामद हुए हैं, जिनको पुलिस ने जब्त कर लिया है। मदरसे को बुलडोजर से गिराने के लिए 18 सितंबर सुबह 11 बजे तक समय दिया गया था। बीते 28 अगस्त को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने नकली नोट छापने के मामले में उक्त मदरसे के माैलवी तफसीरूल समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
ब्रिटिश हुकूमत ने दी थी मदरसे की इजाजत
मदरसा की ओर से पीडीए को एक सौ से अधिक पन्नों का जवाब भेजा गया है। इसकी कॉपी सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी भेजी गई है। अपने जवाब में मदरसे की ओर से कहा गया है कि मस्जिद 300 साल पुरानी और मदरसा 84 साल पुराना है। इसके निर्माण की इजाजत ब्रिटिश हुकूमत ने दी थी। मदरसे के सभी निर्माण वैध हैं। सारे निर्माण प्राधिकरण और संबंधित विभागों की अनुमति के बाद किए गए हैं। मदरसे की स्थापना 1940 में की गई थी। उस समय ब्रिटिश हुकूमत से मंजूरी ली गई थी। देश आजाद होने के बाद 1952 में नगर पालिका परिषद से नक्शा पास कराया गया था। उस समय विकास प्राधिकरण का गठन नहीं किया गया था।
बरामद हुई थीं विवादास्पद पुस्तकें
पुलिस जांच में यहां पर विवादास्पद किताब बरामद हुई थीं। इसके बाद पीडीए ने भी मदरसे पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। शुक्रवार को मदरसे के गेट पर चस्पा नोटिस में कहा गया है कि लगभग तीन हजार वर्ग मीटर के कंपाउंड के भूतल प्रथल तल पर मदरसा एवं कमरों का निर्माण किया गया है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि पीडीए कार्यालय में 18 सितंबर सुबह 11 बजे तक यह बताएं कि निर्माण कंस्ट्रक्शन गिरा देने का आदेश क्यों न दिया जाए।
मदरसे को किया जा चुका है सील
अधिनियम की धारा 14 के तहत पीडीए के अनुमति के बिना निर्माण करने के लिए 50 हजार रुपये तक अर्थदंड के भागी हो सकते हैं। ऐसा अपराध करने की दशा में दोष सिद्ध होने पर 2500 रुपये तक प्रत्येक दिन के लिए अतिरिक्त जुर्माना हो सकता है। बता दें कि पीडीए की टीम ने निर्माण अनाधिकृत होने का दावा कर मदरसे को सील कर दिया था। साथ ही चस्पा नोटिस में कहा था कि जबरन प्रवेश करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं पुलिस मदरसे के तीन बैंक खाते को फ्रीज कर दिया था।