मुख्यमंत्री ने नव चयनित अभ्यर्थियों को बांटे नियुक्ति पत्र
कहा, अब निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से की जा रहीं भर्तियां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 1,950 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले यूपी के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। सक्षम होने पर नहीं बल्कि पहुंच और पैसे के दम पर नौकरी मिलती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से हो रही भर्तियों का ही यह प्रमाण है कि लखीमपुर के थारू जनजाति के युवक को भी नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। लोक भवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में योगी ने कहा कि दीपावली पर आपके माता-पिता के लिए इससे अच्छा उपहार क्या हो सकता है। मेहनत से पढ़ाने वाले हर माता-पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा सरकारी नौकरी पाए।
युवाओं को आगे भविष्य का लक्ष्य भी दिया
लोक भवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायतीराज विभाग व समाज कल्याण विभाग में चयनित हुए इन युवाओं को आगे भविष्य का लक्ष्य भी दिया।
कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था व विकास के कारण युवाओं को अपने प्रदेश में रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। साढ़े सात वर्ष के कार्यकाल में हमारी सरकार ने अब तक करीब सात लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। योगी ने नव चयनित अभ्यर्थियों को कर्तव्यबोध भी कराया।
उन्होंने कहा कि आपको निष्पक्ष ढंग से नौकरी मिली है, ऐसे में अब ईमानदारी से काम करके दिखाएं। गरीब लोगों की मदद करेंगे तो दुआएं मिलेंगी और शोषण करेंगे तो बद्दुआ मिलेंगी।
मिशन रोजगार के तहत जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए उनमें पंचायतीराज विभाग में 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारी, समाज कल्याण विभाग में 360 ग्राम विकास अधिकारी और 64 समाज कल्याण पर्यवेक्षक शामिल हैं।
500 युवाओं को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में और बाकी युवाओं को जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर नियुक्ति पत्र बांटे गए। कार्यक्रम में पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।
पहले नौकरी के लिए बेचनी पड़ती थी जमीन
समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में युवाओं को नौकरी के लिए अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी थी। मां-बाप को कर्जा लेना पड़ता था। यही कारण है कि चयनित होने के बाद युवा अपने कर्जे को चुकाने के लिए भ्रष्टाचार करता था। अब पारदर्शी ढंग से भर्ती हो रही है।
लोगों के पास सोशल मीडिया का हथियार, बचकर रहें
पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अब लोगों के पास इंटरनेट मीडिया का हथियार है। ऐसे में कोई गलती करेंगे तो तुरंत सामने आ जाएगी। वैसे भी नकारात्मक चीजें ज्यादा तेजी से फैलती हैं। ऐसे में नौकरी पाने वाले युवा ईमानदारी से अपना काम करें।