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अखाड़ों में धनबल का प्रयोग, महामंडलेश्वरों को मिलेंगी लग्जरी गाड़ियां

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। विश्व के सबसे बड़े जूना अखाड़े सेे अलग संन्यासियों का पृथक पंच दशनाम श्रीसंत गुरुदत्त अखाड़ा वंचित संतों को महामंडलेश्वर की पदवी देकर उनका सम्मान बढ़ाने के साथ ही काम करने के लिए संसाधन भी देगा। महाकुंभ में 31 राज्यों में महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे।
इन महामंडलेश्वरों को अखाड़े की ओर से काम करने के लिए लग्जरी गाड़ियां देने का निर्णय लिया गया है। 26 अक्तूबर को नव गठित अखाड़े की ओर से सात नए महामंडलेश्वरों का पट्टाभिषेक किया जाना है। पट्टाभिषेक की तैयारियों के बीच अखाड़े के संस्थापक स्वामी आदित्यानंद गोल्ड गिरि ने प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में देश भर में धर्माधिकारियों की तैनाती करने का निर्णय लिया।
अखाड़े के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी चैतन्य गिरि, महामंत्री सचिव कृष्णानंद गिरि, महासचिव स्वामी वीरेंद्रानंद, किन्नर समाज की अध्यक्ष सोनिया नंद गिरि और अखाड़े की किन्नर समाज की आचार्य स्वामी भवानी नंद गिरि की मौजूदगी में गो संरक्षण के लिए गो माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने का संकल्प लिया गया।
इसके साथ ही लव जिहाद और धर्म परिवर्तन जैसे सनातन विरोधी कार्यों को रोकने के लिए प्रत्येक राज्य में एक-एक महामंडलेश्वर बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। अखाड़े के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी आदित्यानंद गोल्ड गिरि ने बताया कि सनातन संस्कृति पर हमला रोकने के लिए 31 महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे।
प्रत्येक राज्य में धर्म के प्रचार का काम करने के लिए सभी महामंडलेश्वरों को स्कार्पियो कार प्रदान की जाएगी। पंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़े का लक्ष्य सिर्फ सनातन संस्कृति को कमजोर करने वाली ताकतों को रोकना है।
किसी अखाड़े या समाज के विरोध या अलग रहने जैसी बातें नव गठित अखाड़े की ओर से नहीं की जा सकतीं। उनका कहना था कि श्रीसंत गुरुदत्त अखाड़े का काम वंचित संतों को ताकत देना और सर्व समाज को एकजुट करना है।

पट्टाभिषेक समारोह में हिस्सा लेने संरक्षक चेतन गिरि पहुंचे

श्रीपंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़े की ओर से 26 अक्तूबर को होने वाले पट्टाभिषेक समारोह में हिस्सा लेने के लिए संरक्षक चेतन गिरि मंगलवार को यहां पहुंच गए। उन्होंने तैयारियों का संतों के साथ जायजा लिया। संस्थापक महामंडलेश्वर आदित्यनंद गोल्ड गिरि 25 अक्तूबर को यहां पहुंचेंगे।

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