त्रिस्तरीय होगी अभेद्य सुरक्षा
प्रयागराज (राजेश सिंह)। पाताल लोक के राजा मायावी अहिरावण के वध के बाद संगम पर बड़े हनुमान जी की विश्राम मुद्रा महाकुंभ में अद्वितीय कॉरिडोर के रूप में विश्व समुदाय के सामने होगा। काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर संगम पर यह पहला कॉरिडोर है, जिसमें 12 द्वारों से श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। मान्यता है कि मेघनाद के वध के बाद रामदल के सैन्य कैंप से अहिरावण विभीषण के वेश में प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक ले गया था। एक हाथ में अहिरावण को पकड़कर लेटे हनुमान के दर्शन के लिए विश्व भर से सनातन धर्मी आते हैं।
बड़े हनुमान मंदिर पर स्वामित्व निरंजनी अखाड़े का है। यहां भूतल से 8.10 फीट नीचे हनुमानजी की प्रतिमा विश्राम मुद्रा में है। बड़े हनुमान अपनी एक भुजा से अहिरावण और दूसरी भुजा से उसके सेनापति को दबाए हुए दर्शन देते हैं। महंत बलवीर गिरि के मुताबिक देश का यह इकलौता मंदिर है, जहां हनुमान जी की 20 फीट लंबी विश्राम मुद्रा में प्रतिमा है।
बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर परियोजना 11589 स्क्वायर मीटर भूमि पर साकार होनी है। इसमें 535 स्क्वायर मीटर में बड़े हनुमान मंदिर का भव्य गर्भगृह और परिक्रमा पथ बनाया जाएगा।कॉरिडोर के लिए कुल 2184 स्क्वायर मीटर भूमि सेना से ली गई है। 38.37 करोड़ रुपये की लागत से कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। कॉरिडोर एरिया में पाथवे के अलावा पूजा-प्रसाद, फूलमाला की दुकानें और श्रद्धालुओं के लिए 6176 स्क्वायर मीटर का खुला क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
त्रिस्तरीय अभेद्य सुरक्षा, क्यूआर कोड स्कैन करने पर मिलेगा प्रवेश
हनुमान मंदिर कॉरिडोर की अभेद्य सुरक्षा होगी। सुरक्षा के मद्देनजर चेकिंग पॉइंट और गार्ड रूम का निर्माण कराया जाएगा। सुरक्षा तीन स्तर पर होगी। श्रद्धालु क्यूआर कोड के जरिये भी मंदिर में प्रवेश ले सकेंगे। कॉरिडोर में प्रवेश और निकास के लिए 12 द्वार बनाए जा रहे हैं। इसमें दो बड़े और 10 छोटे द्वार होंगे। कॉरिडोर की दीवारों पर बजरंगबली की विभिन्न मुद्राओं को उकेरा जाएगा। प्रसाद के लिए आधुनिक किचन का निर्माण होगा। श्रद्धालु पूजा कर सकें, इसके लिए मंडपम बनेगा। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को क्लॉक रूम, आरओ वॉटर और प्रसाधन की भी सुविधा भी मिलेगी।
12 द्वारों से हनुमान मंदिर कॉरिडोर में श्रद्धालुओं-पुजारियों का होगा प्रवेश और निकास।
38.37 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है कॉरिडोर
2184 स्क्वायर मीटर भूमि सेना से कॉरिडोर के लिए ली गई है