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सीएम योगी ने की रेलमंत्री से बात, बढ़ाई जा सकती हैं ट्रेनें

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कुम्भनगर/लखनऊ (राजेश शुक्ल)। महाकुंभ में हुए हादसे के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने ट्रेनों के संचालन और रेलवे स्टेशनों की व्यवस्थाओं को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। रेल मंत्री ने उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। संभव है कि शाही स्नान पर कुछ ट्रेनें और बढ़ाई जाएं। 

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वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने गुरूवार रात को भी वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आवागमन और सुविधाओं के बारे में चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन रास्तों से श्रद्धालु आ रहे हैं, वहां के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि रास्ते में श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। अधिकारी उनकी जरूरतों का ख्याल रखें। बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमृत स्नान और सभी प्रमुख स्नान पर्वों पर वीआईपी मूवमेंट मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित रहेगा। वहीं मौनी अमावस्या के बाद भी प्रयागराज के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब है। बृहस्पतिवार को भी 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में 30 लोगों की मौत के कारणों की पड़ताल के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है। जनपद मार्केट स्थित सचिवालय भवन में आवंटित कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में पहली बैठक हुई, जिसमें शुक्रवार को प्रयागराज जाकर घटनास्थल से अहम सुबूत और तथ्यों को जुटाने का निर्णय लिया गया।

बता दें कि सीएम योगी के निर्देश पर गृह विभाग ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया था, जिसने 24 घंटे के भीतर अपना कामकाज शुरू कर दिया। बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे आयोग के अध्यक्ष ने दोनों सदस्यों सेवानिवृत्त आईपीएस वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह के साथ बैठक की। तत्पश्चात आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि यह जांच प्राथमिकता के आधार पर होनी है, इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है। हमारे पास एक महीने का समय है। हम जांच तेजी से पूरी करने का प्रयास करेंगे। इसकी वजह से शुक्रवार को प्रयागराज जाकर घटनास्थल का मौका मुआयना किया जाएगा और अधिकारियों, पीड़ितों, प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की जाएगी। आयोग भगदड़ की वजहों और परिस्थितियों की जांच करेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के बारे में सुझाव भी देगा।

स्टाफ भी मुहैया कराया गया

आयोग को जांच में सहयोग के लिए स्टाफ भी मुहैया कराया गया है। इसमें राजधानी में तैनात एसीएम-2 अंकित कुमार और डीजीपी मुख्यालय की तकनीकी सेवा शाखा में तैनात डिप्टी एसपी हरिमोहन सिंह शामिल हैं, जो बतौर सचिव कार्य करेंगे। इसके अलावा एक निजी सचिव, एक अपर निजी सचिव, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, 3 तृतीय श्रेणी और 4 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी दिए गए हैं। वहीं आयोग के तीनों सदस्यों को निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी दिए गए हैं।

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