प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ के दौरान शहर में जगह-जगह यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने का दावा लगातार फेल साबित हो रहा है। शनिवार को एक बार फिर लचर व्यवस्था के कारण झूंसी पुल से अलोपी बाग चौराहा तक एक किलोमीटर लंबा जाम लग गया। गाड़ियां रेंग-रेंग कर चलती रही। जिससे शहरी के साथ-साथ श्रद्धालु परेशान हो गए।
मौनी अमावस्या नजदीक आने के चलते शहर में 10 दिन पहले से ही गाड़ियों का हुजूम उमड़ने लगा है। शनिवार को सुबह से ही पिछले पिछले तीन दिन के मुकाबले अधिक श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। इससे फोर्ट रोड चौराहा, तिनकोनिया, सोहबतियाबाग, अलोपीबाग चुंगी, बैरहना चौराहे पर जाम लगना शुरू हो गया। दोपहर 12 बजे से देखते-देखते जाम बढ़ता ही गया।
नए यमुना पुल, सीएमपी डाट पुल, मेडिकल चौराहा समेत अन्य जगहों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जिसे देखते हुए पुलिस बल ने विभन्नि चौराहों पर बैरिकेडिंग कर दी। इससे चार पहिया चालक के साथ ही दोपहिया वाहन भी फंस गए। इस दौरान यातायात के साथ ही स्थानीय थानों के पुलिसकर्मी जाम को हटवाने में लगे रहे, लेकिन वाहनों की कतार इस कदर थी कि वह सफल नहीं हो पा रहे थे। लोगों को जाम से निकलने के लिए घंटों जूझना पड़ा।
महाकुंभ क्षेत्र में गंगा नदी पर 30 पांटून पुल बनाए गए हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर विशिष्ट अतिथियों के लिए ही सुरक्षित हैं। ज्यादातर पुल आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहते हैं। शनिवार को तो छतनाग से दारागंज के बीच सिर्फ एक-एक पांटून पुल से वाहनों को आने-जाने दिया जा रहा था। अन्य पुल पर दो पहिया वाहन ले जाना भी प्रतिबंधित था। इसकी वजह से लोगों को काफी भटकना पड़ा।
महाकुंभ में हेतापट्टी से अरैल के बीच गंगा नदी पर 30 पांटून बनाए गए हैं। इसे बड़ी सुविधा के रूप में प्रचारित भी किया गया लेकिन स्थिति यह है कि इनमें से ज्यादातर पर आवागमन नहीं होता।
संगम से शास्त्री के बीच सिर्फ एक-एक पांटून पुल पर वाहनों के आवागमन की अनुमति है। अन्य पर रात में भी वाहनों को नहीं चलने दिया जा रहा। शनिवार को तो ये दोनों पुल भी बंद कर दिए गए। झूंसी की तरफ से आने वाले लोगों को 12 नंबर पुल पर प्रवेश दिया गया।
इसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी। रामघाट के सामने पांटून पुल नेत्र कुंभ के चिकित्सक भी फंसे थे। वहां एसडीएम लिखी गाड़ी भी थी। इनके आगे-पीछे कई अन्य वाहन भी खड़े थे। सुरक्षा कर्मियों ने नेत्र कुंभ के चिकित्सकों से कहा कि वे जा सकते हैं लेकिन अन्य लोगों को खुद ही हटाएं। इसके बाद बैरियर लगाकर सुरक्षा कर्मी कुछ दूर खड़े हो गए। इस तरह की स्थिति कई अन्य पुलों पर भी रही। इससे लोग काफी परेशान हुए तथा उनमें नाराजगी रही।