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एसटीएफ के हत्थे चढ़ा करोड़ों की ठगी करने वाला 50 हजार रुपए का इनामिया आरोपी

SV News

लखनऊ (राजेश सिंह)। शनिवार को एसटीएफ उत्तर प्रदेश को साइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में जमीन/प्लाट के नाम पर इनवेस्ट कराकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के विरूद्ध थाना कोतवाली नगर जनपद सुलतानपुर में पंजीकृत मुकदमे में वांछित 50 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित अभियुक्त विनय कुमार सिंह पुत्र हरेंद्र सिंह निवासी टेकारी हजौली थाना गड़वार जनपद बलिया को गिरफ्तार करने में स्पेशल टास्क फोर्स को सफलता प्राप्त हुई। उक्त वांछित को पयागीपुर चौराहा, थाना क्षेत्र कोतवाली नगर, सुलतानपुर से शनिवार को पकड़ा गया।
बताया गया कि विगत काफी दिनों से उत्तर प्रदेश के जनपदों में वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिये जाने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों/इकाईयों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि थाना कोतवाली नगर जनपद सुलतानपुर में पंजीकृत अभियोगों में वांछित रू0 50,000/- का पुरस्कार घोषित अभियुक्त विनय कुमार सिंह पयागीपुर चौराहा थाना क्षेत्र कोतवाली नगर सुलतानपुर के पास मौजूद है, जो कहीं भागने की फिराक में है। इस सूचना पर दरोगा हरीश सिंह चौहान, मुख्य आरक्षी विनोद कुमार यादव, पवन सिंह विशेन, सुनील सिंह यादव की टीम द्वारा ज्ञात स्थान पर पहुँचकर वांछित अभियुक्त को आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त विनय कुमार सिंह ने पूछताछ पर बताया कि वह वर्ष 2014 से वर्ष - 2019 तक साइन सिटी कम्पनी में ड्राइवर के पद पर कार्य कर रहा था जो कम्पनी के एम०डी० राशिद नसीम की प्राइवेट गनर था। राशिद नसीम ने इसके काम एवं विश्वश्नीयता को देखते हुए जनपद सुलतानपुर में शुरू की गयी कम्पनी की नयी साइट साइन सिटी प्रोक्सिमा डेपलपर्स में इसको बतौर पार्टनर रजिस्टर्ड कराया गया था। यह प्लाट दिलाने के नाम पर इन्वेस्टरों से अपने खाते में पैसा लेता था। कम्पनी के भाग जाने पर कम्पनी में पार्टनर होने एवं खाते में पैसा लेने के कारण इन्वेस्टरों द्वारा अभियोग पंजीकृत कराया गया था। जिसमें इसका नाम प्रकाश में आया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए इधर उधर स्थान बदल कर रह रहा था।

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