प्रयागराज (राजेश सिंह)। परम धर्मसंसद् 1008 समस्त सनातन वैदिक हिन्दू आर्य परमधर्म के मानने वालों के लिए यह परमधर्मादेश जारी करती है कि -गोहत्या बन्दी के लिए आज हर हिन्दू को अब यह संकल्प लेना होगा कि वे अपना मतदान उन्हीं पार्टी या प्रत्याशियों को देंगे जो गोहत्याबन्दी की स्पष्ट उद्घोषणा करते हों।
यह इसीलिए भी आवश्यक है क्योंकि हिन्दू मतदाता के मत प्राप्त कर बनी सरकारें जब गोहत्या को रोकने के बजाय उनकी हत्या को बढावा देती हैं तो मतदाता को भी उनका समर्थन करने के कारण गोहत्या का पाप लग रहा है।
शास्त्र कहता है -
अनुमन्ता विशसिता निहन्ता क्रयविक्रयी।
संस्कर्ता चोपहर्ता च खादकश्चेति घातकाः।।
-मनुस्मृति-5/51
सनातन वैदिक हिन्दू आर्य परमधर्मसंसद् १००८ की द्वितीय दिवसकी कार्यवाही सुचारू रूपसे हुई। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: १००८ अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजीके अध्यक्ष स्थान पर विराजित होते ही कार्यवाही आरम्भ हुई। प्रसिद्ध भागवत कथाकार श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज की पावन उपस्थिति भी सदन के दौरान रही। परमधर्मसंसद् में आज मतदान के पापपुण्यका विचार पर प्रस्ताव रखें गए, चर्चा हुई और धर्मादेश पारित किया गया। गोहत्याबन्दी के लिए आज हर हिन्दू को संकल्पित होना पड़ेगा कि वे अपना मतदान उन्हीं पार्टी या प्रत्याशियोंको देंगे जो गोहत्याबन्दी की स्पष्ट उद्घोषणा करते हों। यदि हिन्दू मतदाता के मत प्राप्त कर बनी सरकारें गोहत्याको रोकनेके बजाय उनकी हत्या को बढावा देती हैं तो मतदाता को भी उनका समर्थन करने के कारण गोहत्या का पाप लग रहा है।
क्योंकि शास्त्र कहता है कि गौहत्या का समर्थन देनेवाला भी गोहत्या के पाप का भागी है ।
प्रख्यात कथावाचक श्री अनिरुद्धाचार्य जी परमधर्मसंसद् में आए और उन्होंने पूरे सदन की कार्यवाही को बैठकर देखा। कहा कि हम सबको मिलकर अब गौमाता के लिए खडे हुए प्रत्याशी को ही वोट देना चाहिए। एक राजनीतिक विकल्प तैयार करना चाहिए। आरम्भ में भले ही कम वोट मिलें लेकिन धीरू धीरे इसकी संख्या में वृद्धि होगी। आगे कहा कि यदि प्रधानमन्त्री नोटबन्दी कर सकते हैं तो गौहत्या को भी बन्द कर सकते हैं।
आज के प्रासंगिक प्रस्ताव जो पारित हुए आज गुजरातके मोरबी मालिया कच्छ विस्तारसे दु:खद समाचार प्राप्त हुए है कि कुछ हिन्दू किसानों / गोपालकों की गायोंको किसीने गायब कर दिया और करीब १०० से अधिक गौमाता नहीं मिलने से इस विषय पर जांच शुरू होने पर कुछ ही हत्यारों द्वारा १३ गौमाताकी हत्याका मामला प्रकाशमें आया है और आगे यदि निष्पक्ष रूपसे जांच होगी तो १०० से अधिक गौमाताकी हत्याका मामला स्पष्ट रूपसे प्रकाशित होगा।
यह परमधर्मसंसद् गुजरात सरकार एवं भारत सरकारसे अनुरोध करती है कि मोरबी, सुरेन्द्र नगर और कच्छ विस्तारमें हुए इस भीषण गौहत्याके मामलेकी जांच करवाकर हत्यारों को गिरफ्तार करके उनके ऊपर फास्ट्रैक कोर्टमें केस चलवाकर उनको कड़ी सजा दिलवाकर आजीवन कारावास में भेजें।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ। आज मतदान के पाप-पुण्य का विचार विषय पर शास्त्रीय पक्ष का प्रस्ताव साध्वी पूर्णाम्बा जी ने रखा। इसके बाद गोआ से राजीव झा, जालोर से तीर्थानन्द जी, मुरैना से रुद्र प्रताप सिंह जी, उन्नाव से प्रताप सिंह, कोटा से मांगीलाल जी, प्रवीण जी, निशा सत्यनारायण जी, अभय शंकर जी, गिरीश जी, सुनील शुक्ल जी, आदित्य श्रीवास्तव जी, गोप्रतिष्ठानन्द जी, मनीष गुप्ता जी, अरविन्द भारद्वाज जी, स्वामी शरणानन्द जी, जयकिशन शर्मा जी, देवेन्द्र पाण्डेय जी आदि ने चर्चा में भाग लिया।
संसदीय सचिव के रूप में डा उमाशंकर रघुवंशी जी उपस्थित रहे। प्रकर धर्माधीश किशोर दवे जी रहे।