कुम्भनगर/मुरादाबाद (राजेश शुक्ला)। जया से अभी तक अमिताभ दुखी थे...अब पूरा सनातन दुखी है। उक्त बातें कल्कि पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम ने कही, उन्होंने कहा कि जया बच्चन से पहले सिर्फ अमिताभ बच्चन ही दुखी थे। लेकिन, अब वह ऐसी कोशिशें कर रही हैं कि उनसे पूरा सनातन दुखी हो जाए।
प्रमोद कृष्णम ने यह बात सपा सांसद जया बच्चन के महाकुंभ भगदड़ पर दिए बयान के पलटवार में कही। दरअसल, जया बच्चन ने सोमवार को नई दिल्ली में संसद भवन के बाहर कहा था कि अभी सबसे ज्यादा दूषित पानी कहां है? कुंभ में…। वहां मची भगदड़ में जिन लोगों की मौत हुई, उनके शव नदी में फेंक दिए गए। इससे पानी दूषित हो गया है। असली मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा है।
राज्यसभा में सत्र (प्रश्न काल) चल रहा है। इसमें शामिल होने के लिए जया बच्चन नई दिल्ली में हैं। उन्होंने सोमवार को संसद के बाहर मीडिया से बात की। कहा- महाकुंभ में कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। झूठ बोला जा रहा है। करोड़ों लोग पहुंच रहे हैं। एक जगह पर इतने लोग कैसे इकट्ठे हो सकते हैं?
प्रमोद कृष्णम ने कहा- हमारे देश में कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हें न भारत से प्यार है, न भारत माता से और न ही भारत की संस्कृति से। ऐसे लोग भारत के लिए भी खतरनाक हैं और सनातन के लिए भी।
कुंभ में करोड़ों लोगों की आस्था है। लेकिन, कुछ लोगों को ये आस्था नहीं दिख रही। ऐसे लोग सिर्फ आलोचना ही देख रहे हैं। महाकुंभ पूरी दुनिया का एक महान आयोजन है। दुनिया का यह एक ऐसा आयोजन है, जहां 40 करोड़ से ज्यादा लोग पूजा-अर्चना और स्नान करने पहुंचे हैं।
जो लोग यहां नकारात्मक दृष्टि से आलोचना ढूंढ रहे हैं, वो भारत की संस्कृति, संस्कार और सनातन पर हमला कर रहे हैं। जया एक अच्छी कलाकार रही हैं। वह एक अच्छी सांसद भी हैं। लेकिन, अब उन्हें खुद को एक अच्छा सनातनी भी साबित करना होगा। पूरे भारत की संसद और सनातनी उनसे दुखी हैं।
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई पैसे लेकर महामंडलेश्वर बनाता होगा। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि महाकुंभ में जो दुर्घटना घटी, वह बेहद दुखद है। इस पर सीएम योगी, पीएम मोदी, गृहमंत्री समेत देश के सभी लोगों ने दुख जताया था। लेकिन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत ये जो दूसरे विपक्षी नेता हैं, लाशों पर सियासत करना जानते हैं। ये मौतों की बुनियाद पर सत्ता की इमारत खड़ी करना चाहते हैं। यह बेहद निंदनीय है, अफसोस जनक है। कोई सीएम योगी का इस्तीफा मांग रहा है, कोई प्रधानमंत्री का। कोई गृहमंत्री की बात करता है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जहां 10 करोड़ से ज्यादा लोग इकट्ठा हैं, वहां अगर कोई दुर्घटना हो गई तो उसके लिए सब बेहद दुखी हैं। लेकिन, मौत पर सियासत नहीं करनी चाहिए। राजनीति करो, सियासत करो, सरकार को घेरो, कोई प्रॉब्लम नहीं। सरकार के ऊपर सवाल भी करो, लेकिन गिद्धों की तरह लाशों पर राजनीति मत करो।
रवींद्र पुरी ने कहा- जया महाकुंभ में आतीं, तो उन्हें कुछ पता होता
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा- जया बच्चन को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। शवों को गंगा नदी में फेंका गया, क्या उन्होंने ऐसा होते देखा? क्या वह महाकुंभ में आई थीं?
जया ने यह भी कहा कि भीड़ उतनी नहीं थी, जितनी दिखाई गई। अगर वह महाकुंभ में आई होतीं, तो उन्हें पता होता कि यहां करोड़ों श्रद्धालु कैसे जुटे हैं? उनका दावा है कि शवों को गंगा नदी में फेंका गया। क्या उन्होंने इसे साबित करने वाला कोई वीडियो देखा? मैं उनके बयान की निंदा करता हूं।
रवींद्र पुरी ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में बचकानी बयानबाजी कतई उचित नहीं होती। संत-महात्मा जया बच्चन के पति अमिताभ बच्चन का बेहद सम्मान करते हैं। सनातन धर्मियों ने अमिताभ बच्चन की फिल्मों और कौन बनेगा करोड़पति सीरियल को हिट कराया है। जया बच्चन से संत-महात्मा भी उनके इस बयान से दुखी हैं। संत अगर दुखी होकर किसी को श्राप देते हैं, तो राजा को फकीर बनने में देर नहीं लगती।