Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

भारतीय टीम ने लिखी नई इबारत, 12 साल बाद जीती चौम्पियंस ट्रॉफी

sv news


वैसे तो पिछला चौम्पियन होने के नाते पाकिस्तान इस टूर्नामेंट का मेजबान था लेकिन भारत ने अपने सभी मैच दुबई में खेले। चूंकि सुरक्षा कारणों से भारत ने पाकिस्तान में जाकर मैच खेलने से इनकार कर दिया था, इसलिए एक समझौते के तहत भारतीय टीम ने अपने मैच दुबई में खेलना स्वीकार किया...

12 साल बाद चौम्पियंस ट्राफी में भारत की विजय ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। 2017 में पाकिस्तान ने फाइनल में भारत को हरा दिया था। इससे पहले 2013 में भारत ने यह खिताबी मुकाबला जीता था। तब धोनी की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को फाइनल में हराया था। 2002 में भारत और श्रीलंका संयुक्त विजेता बने थे। इस तरह भारत ने रविवार को तीसरी बार आईसीसी की यह ट्राफी अपने नाम की है। इस विजय से विश्व कप. 2023 में अपने ही घर में ऑस्ट्रेलिया से मिली पराजय का गम भी कम हो गया है। भारत ने बिना कोई मैच हारे सभी मैच में जीत दर्ज की है। सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हरा कर उसका दंभ भी हमने तोड़ दिया जो उसकी टीम ने विश्व कप के फाइनल में अहमदाबाद में दिखाया था। कंगारू टीम का मानमर्दन करके पूरी टीम इंडिया ने कमाल का प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान के खिलाफ मैच का रोमांच तो सिर चढ़ कर बोलता है। और, इस बार भी हमारी टीम ने उसे हराकर अच्छा सबक सिखाया है।  

वैसे तो पिछला चौम्पियन होने के नाते पाकिस्तान इस टूर्नामेंट का मेजबान था लेकिन भारत ने अपने सभी मैच दुबई में खेले। चूंकि सुरक्षा कारणों से भारत ने पाकिस्तान में जाकर मैच खेलने से इनकार कर दिया था, इसलिए एक समझौते के तहत भारतीय टीम ने अपने मैच दुबई में खेलना स्वीकार किया। पाकिस्तान की दिली इच्छा थी कि भारत की टीम उसके देश में आए। उसने तर्क दिया कि हम विश्व कप के मैच खेलने 2023 में भारत गए थे तो भारत को पाकिस्तान आने में क्या दिक्कत है? मगर, भारत सरकार ने अपनी टीम को वहां जाने की अनुमति नहीं दी। दरअसल, पाकिस्तान हमेशा आतंकी हमलों का शिकार होता रहा है। लगभग दस साल तक उसके यहां कोई विदेशी टीम खेलने नहीं गई। फिर भारत को लेकर तो वहां ज्यादा ही कटुता है। इन्हीं कारणों से भारत ने वहां जाने से इनकार कर दिया।

दुबई में पहले भी भारत खेल चुका है। वहां दर्शकों का भरपूर समर्थन टीम इंडिया को मिलता है। कोविड के समय अरब देश में आईपीएल का आयोजन भी हो चुका है। तटस्थ देश के रूप में भारत और पाकिस्तान के लिए यह मुफीद जगह है। मगर, दुबई के स्टेडियम में इस बार स्पिन गेंदबाजी ने बल्लेबाजों को नचा दिया। भारतीय टीम में जब पांच स्पिन गेंदबाजों को चुना गया तो लोग हैरान थे। पिच का स्वभाव देख कर ही भारत ने शुरू के दो मैचों के बाद अपने एकादश में चार स्पिनर रख लिये। यह निर्णय तुरुप का इक्का साबित हुआ। न्यूजीलैंड के खिलाफ लीग मैच में वरुण चक्रवर्ती ने पांच विकेट लेकर इस निर्णय को सही साबित कर दिया। भारत की स्पिन चौकड़ी अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और वरुण ने विपक्षी टीमों के इर्द गिर्द ऐसा जाल बुन दिया जिसमें वे फंसते चले गए।

आमतौर पर 50 ओवर के मैच में चार स्पिनर नहीं खिलाए जाते हैं। लेकिन भारत का प्रयोग बेहद सफल रहा। फाइनल मैच में भी कुलदीप ने रचिन रवींद्र और विलियमसन को जल्द आउट करके न्यूजीलैंड की कमर तोड़ दी। अगर ये दोनों टिक जाते तो बड़ा स्कोर बना लेते, फिर भारत के सामने कठिन चुनौती पेश हो जाती। वरुण ने तीन मैचों में 9 विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित कर दी है। वहीं, अक्षर पटेल ने आलराउंडर की भूमिका में खुद को फिट कर लिया है। बल्लेबाजी क्रम में अक्षर को ऊपर भेजने का बहुत लाभ मिला। उसका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। मध्य क्रम में श्रेयस अय्यर ने प्रभावशाली प्रदर्शन करके टीम को मजबूती दी। शुभमन गिल ने बांग्लादेश के खिलाफ तो विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ शतक बनाया। केएल राहुल की नाकामी से सभी चिंतित थे, पर सेमी फाइनल और फाइनल मैच के दौरान उसे यह दाग धो दिया। हार्दिक पांड्या ने बड़े शाट लगाकर लक्ष्य को आसान बना दिया। इस तरह सभी के योगदान से यह जीत मिली है। किसी एक खिलाड़ी को इसका श्रेय देना उचित नहीं होगा।

फाइनल मुकाबले में 252 रन का लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं था पर, न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी शानदार फील्डिंग से इसे मुश्किल बना दिया। भारत को कुछ विकेट फालतू में गंवाने पड़े वर्ना आसानी से जीत मिल जाती। क्रिकेट के खेल में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। कप्तान रोहित और गिल के बीच सौ रन की ओपनिंग साझेदारी के बाद हालात कैसे बदल गए यह हम सबने देखा। श्चेज मास्टरश् कहे जाने वाले विराट कोहली एक रन बना कर चलते बने। न्यूजीलैंड की टीम ने चुस्त क्षेत्ररक्षण से भारत को रनो के लिए तरसा दिया। यह वही टीम है जिसने वर्ष 2000 की चौम्पियन ट्राफी के फाइनल में भारत को पराजित कर दिया था। तब इसका आयोजन केन्या में हुआ था।

कप्तान रोहित शर्मा ने लगातार दो आईसीसी ट्राफी जीत कर आलोचकों को जवाब दे दिया है। आपको बता दें कि पिछले साल जून में उनकी टीम ने देश को टी.20 विश्व कप दिलाया था। दुबई में यह अफवाह भी उड़ी कि रोहित वनडे प्रारूप से संन्यास लेने जा रहे हैं। मगर, उन्होंने खुद इसका खंडन कर दिया। उम्मीद करनी चाहिए कि विश्व कप.2027 तक वह भारत की ओर से खेलते रहेंगे। आस्ट्रेलिया में बार्डर.गावसकर ट्राफी के दौरान टेस्ट मैचों में  बेहद खराब प्रदर्शन के कारण रोहित पर सवाल उठे थे। मगर, इस जीत ने उस पर पर्दा डाल दिया है।

पूरी टीम एकजुट होकर खेली तभी इतनी बड़ी कामयाबी मिली है। आज पूरा देश गर्व कर रहा है। टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के लिए भी यह श्विराट विजयश् राहत पहुंचाने वाली है। पिछले साल न्यूजीलैंड से घरेलू टेस्ट सीरीज और ऑस्ट्रेलिया में मिली करारी पराजय के बाद गंभीर की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे थे। अगली चुनौती इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज है। आईपीएल के बाद टीम इंडिया को इंग्लैंड जाना है। देखना होगा कि वहां भारत का प्रदर्शन कैसा रहता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad