नई दिल्ली। मिसाइल और ड्रोन हमले नाकाम होने से हताश पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार रातभर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप नागरिक ठिकानों पर भारी गोलाबारी के बाद शुक्रवार को शाम होते बारामुला से भुज तक 26 शहरों में ड्रोन हमले किए। इस दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपुरा एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश हुई, जिसे नाकाम कर दिया गया।
भारत ने पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराया गया
भारत ने इन ड्रोन हमलों का जवाब ड्रोन से ही दिया और अधिकतर पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराया गया। भारत ने पाकिस्तान पर पर अपने नागरिक विमानों को हवाई हमलों के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और उनकी उड़ानों को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
नागरिक इलाकों को पाकिस्तान ने बनाया निशाना
पाकिस्तान ड्रोन हमलों के साथ ही नौशेरा, पुंछ और कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर मोर्टार और गनों से न केवल नागरिक इलाकों को, बल्कि धार्मिक स्थलों को भी निशाना बना रहा है। भारतीय सेना इसका करारा जवाब दे रही है और पाकिस्तान की हर मिसाइल को हवा में ही मार गिराया गया है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की कई चौकियां नष्ट हो गई हैं।
पाकिस्तानी हमले में एक भारतीय सैनिक बलिदान हुआ है और तीन नागरिकों की मौत हुई है। इस बीच, बढ़ते सैन्य टकराव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार शाम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ एवं तीनों सेना प्रमुखों के साथ ताजा स्थिति की समीक्षा की और आगे की सामरिक रणनीति पर गहरी मंत्रणा की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
स्नाइपरों ने भी लोगों को निशाना बनाकर गोलियां दागीं
पाकिस्तान सेना ने गुरुवार रात राजौरी, पुंछ, उरी, कुपवाड़ा व बारामुला सेक्टरों में मोर्टार और तोपों से भारी गोलाबारी की जो शुक्रवार सुबह तक जारी रही। इस दौरान पुंछ के एक गांव में एक घर पर गोला गिरा, जिससे मोहम्मद अकबर की मौत हो गई। इसके अलावा चार लोग घायल हो गए। राजौरी और पुंछ में पाकिस्तानी स्नाइपरों ने भी लोगों को निशाना बनाकर गोलियां दागीं।
राजौरी के केरी सेक्टर में सेना के एक जवान एम. मुरली नायक ने वीरगति पाई है। वह आंध्र प्रदेश के श्री सथया सई जिला के गोरांतला मंडल के रहने वाले थे। शाम होते-होते पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में सशस्त्र ड्रोन से हमले शुरू कर दिए।
बड़े सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान पाकिस्तान ने बारामुला, श्रीनगर, अवंतीपुरा, नगरोटा, जम्मू, सांबा, फिरोजपुर, उधमपुर, अमृतसर, पठानकोट, फजिल्का, लालगढ़ जट्टा, जैसलमेर के पोखरण, बाड़मेर, भुज, कुर्बेट और लखी नाला में ड्रोन से हमलों का प्रयास किया। इस कारण बड़े सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट कर दिया गया।
फिरोजपुर में पाकिस्तानी ड्रोन एक घर पर गिरा जिससे उसमें आग लग गई। इस घटना में सात लोग घायल हो गए। श्रीनगर एयरपोर्ट के आसपास लगभग दस धमाकों की आवाज सुनी गई। भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन हमलों के जवाब में ज्यादा शक्तिशाली ड्रोनों का इस्तेमाल किया जिनमें स्वार्म ड्रोन शामिल थे। स्वार्म ड्रोन एक साथ कई निशाने साधने में सक्षम है। इस दौरान दर्जनों पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
पाकिस्तान ने किया 400 ड्रोन भेजने का प्रयास
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में सैन्य प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने शुक्रवार को बताया कि सात-आठ मई की रात पाकिस्तानी सेना ने पूरी पश्चिमी सीमा पर भारत की वायुसीमा का कई बार उल्लंघन किया तो नियंत्रण रेखा पर भारी कैलिबर वाले हथियारों से गोलाबारी की।
भारतीय हवाई क्षेत्र में लेह से लेकर सर क्रीक लाइन तक 36 स्थानों पर पाकिस्तान ने 300 से 400 ड्रोन भेजने की कोशिश की जिनमें से 70 को सेनाओं ने मार गिराया तो बाकी लौट गए। इतने बड़े पैमाने पर हवाई घुसपैठ की पाकिस्तान की कोशिशों से साफ है कि उसका मकसद भारत की वायु रक्षा प्रणालियों का परीक्षण करना और खुफिया जानकारी एकत्र करना था।
पाकिस्तानी ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच जारी
पाकिस्तानी ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच जारी है। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश ड्रोन तुर्किये निर्मित असीसगार्ड सोंगर हैं, जबकि कुछ ड्रोन चीन निर्मित भी हैं। ड्रोन हमले नाकाम होने के बाद पाकिस्तान ने रात में एक सशस्त्र ड्रोन से बठिंडा के भारतीय वायुसेना स्टेशन पर हमले की कोशिश की, मगर उसे मार गिराया गया।
भारत ने भी चार एयरफोर्स स्टेशनों पर सशस्त्र ड्रोन से हमले किए
पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की बौछार नाकाम करने के साथ ही भारत ने जवाबी कार्रवाई कर उसके चार एयरफोर्स स्टेशनों पर सशस्त्र ड्रोन से हमले किए। कर्नल कुरैशी ने कहा कि इनमें से एक ड्रोन पाकिस्तान के एक एवी रडार को ध्वस्त करने में सफल रहा। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी ड्रोन हमलों, जिनमें कई स्वार्म ड्रोन भी थे, को रोकने के लिए भारतीय एयर डिफेंस ने गुरुवार-शुक्रवार रात एल-7 गन, जेडयू 23 एमएम गन और सिल्का गन का इस्तेमाल किया।
इस दौरान कुछ पाकिस्तानी ड्रोन चंडीगढ़ के शहरी इलाके, राजस्थान के जैसलमेर और पोखरण में अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 120 किलोमीटर अंदर तक पहुंच गए, हालांकि इन सभी ड्रोन को मार गिराया गया। चूंकि रडार सिस्टम एक मीटर से कम के आयाम की वस्तु को नहीं पकड़ पाता, इसलिए ये छोटे ड्रोन यहां तक पहुंच गए।
भारतीय सेना ने भी पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया
जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर फायरिंग तेज करने की पाकिस्तानी हरकतों की चर्चा करते हुए सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि तंगधार, उरी, पुंछ, मेंढर, राजौरी, अखनूर और उधमपुर में भारी कैलिबर आर्टिलरी गन और सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल कर गोलीबारी की जा रही है। इस गोलीबारी में भारतीय सेना के कुछ जवान घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने भी पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
पाकिस्तान ने बंद नहीं किया अपना एयर स्पेस
आपरेशन सिंदूर के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में नागरिक विमानों के लिए एयर स्पेस बंद करने की भारत की घोषणा के विपरीत पाकिस्तान ने अपने यहां ऐसा नहीं किया है। इसका मकसद साफ है कि वह भारत की ओर से मिसाइल और हवाई हमलों से बचने के लिए इसे कवच बना रहा है।
पाकिस्तान का यह गैरजिम्मेदाराना व्यवहार
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नियमों के विरुद्ध पाकिस्तान का यह गैरजिम्मेदाराना व्यवहार सामने आ रहा है। इसका एक उदाहरण सात मई की रात 8.30 बजे का है जिसमें एक अकारण व एक असफल ड्रोन-मिसाइल हमला करने के बावजूद पाकिस्तान ने अपना नागरिक एयर स्पेस बंद नहीं किया, जबकि उसे मालूम था कि इस पर भारत की तीव्र जवाबी प्रतिक्रिया होगी।
पाकिस्तान का यह व्यवहार दोनों देशों के वायुसीमा क्षेत्र में उड़ान भरने वाले नागरिक विमानों की सुरक्षा के लिए सही नहीं है। इस दिन के पाकिस्तानी पंजाब सेक्टर में फ्लाइट रडार 24 के डाटा से स्पष्ट है कि भारत का हवाई क्षेत्र नागरिक विमानों के संचालन के लिए बंद होने के कारण पूरी तरह खाली है।
कराची और लाहौर के बीच हवाई मार्ग चालू
जबकि कराची और लाहौर के बीच हवाई मार्ग पर नागरिक विमान उड़ान भर रहे हैं। इसी दौरान एक एयर बस 320 विमान शाम 5.50 बजे दमम से उड़ान भरकर रात 9.10 बजे लाहौर में उतरा था। फिर भी भारतीय वायुसेना ने बेहद संयम दिखाया और अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमान की सुरक्षा सुनिश्चित की।