प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर संगम तट पर आस्था का रेला उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। हर-हर महादेव और हर हर गंगे के जयघोष से पूरा संगम क्षेत्र गुंजायमान रहा। डुबकी लगाे के बाद श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से मां गंगा का पूजन अर्चन किया और आरती उतारी। गंगाजी में दीपदान किया गया और घाटों पर घी के दीये जलाए गए। स्नान के बाद भक्तों ने संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमानजी का दर्शन पूजन किया। यहां पर भक्तों की लंबी कतार लगी रही। घाट पर स्थित काली मंदिर, राम जानकी मंदिर, दुर्गा मंदिर समेत अन्य देवस्थानों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। मान्यता है कि आज ही के दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।
गंगा दशहरा पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए बुधवार को आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा। पांच महायोगों के मिलन की वजह से इस बार का गंगा दशहरा बेहद खास हो गया है। संगम में आधी रात से ही पुण्य की डुबकी लगनी शुरू हो गई। पतितपावनी मां गंगा के अवतरण दिवस पर संगम में डुबकी लगाने से मनसा, वाचा, कर्मणा तीनों प्रकार के 10 तरह के पापों के शमन की मान्यता है। इस लोक धारणा को मानने वाले सनातनधर्मी दोपहर बाद से ही संगम पहुंचने लगे। देर रात तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच चुके थे।
हस्त नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि योग के बीच आधी रात के बाद से ही संगम में पुण्यय की डुबकी लगने लगनी शुरू हो गई। शाम को ही जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, बलिया के अलावा पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र से बसों , निजी वाहनों से श्रद्धालुओं की टोलियां संगम पहुंचती रहीं।
गंगा दशहरा पर संगम पर बृहस्पतिवार की शाम विशेष पूजा, आरती होगी। तीर्थपुरोहित पं. राजमणि तिवारी उर्फ घंटी गुरु के मुताबिक शाम छह बजे मां गंगा की महाआरती होगी। इस दौरान लोक मंगल की कामना से विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। इसी तरह रामघाट पर हरिहर गंगा आरती समिति और जगदीश रैंप पर जय त्रिवेणी जय प्रयाग आरती समिति की ओर से मां गंगा की महाआरती देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।